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Sunday, January 16, 2022

अग्रवाल समाज

 

अग्रवाल समाज के लोग बनिया कैसे हो गए जबकि उनके कुल प्रवर्तक अग्रसेन जी क्षत्रिय समाज के थे?

किदवंती है कि अग्रसेन जी क्षत्रिय थे जिनके संतान नही हुई थी तब ऋषियों ने उनसे यज्ञ करवाया । यज्ञ में बलि के विरोध करने और ऋषियों ने कहा कि आप वर्ण बदल लें तो उन्होंने वैश्य बनना स्वीकार किया लेकिन साथ ही कहा कि में क्षत्रियों के उपयोग में आने वाले चंवर ओर छत्र नही छोडूंगा।

इस प्रकार अग्रसेन ने वैश्य वर्ण अपना लिया। ऋषियों के यज्ञ के प्रभाव से उनके 18 संतान हुई जिनके नाम से 18 गोत्र कहलाते है। उन्होंने वैश्य लोगों के साथ ही नया नगर अग्रोहा बसाया।

यज्ञ में शामिल 18 ऋषि

अग्रवालों में 18 गोत्र

अभी भी आप किसी अग्रवाल की बरात देखोगें तो दूल्हा के ऊपर छत्र यानी छतरी ताने हुए एक व्यक्ति रहता है और एक व्यक्ति चंवर हिलाता हुआ होता है। हालांकि अब चंवर मिलने बन्द होने का कारण 

With thanks by Shri Om Prakash Gupta

Saturday, January 15, 2022

Monday, January 3, 2022

कमाल के आयुर्वेदिक नुस्खे

 With Thanks by Shri Vinay Kr. Sharma 


कुछ कमाल के…तो चलिए फ़िर आप भी आजमाइए

१. पिपली (१भाग) को गुड़ (२भाग) के साथ लेने पर कफ का नाश होता है।

२. हरड़ का सेवन करने से बॉडी स्ट्रेंथ बढ़ती है।

३. हरड़ चूर्ण को गर्म पानी से लेने पर आम का पाचन होता हैं।

४. अवाला का प्रतिदिन सेवन करने से ये रसायन का कार्य करता है।

५. त्रिफला चूर्ण रात को खाने के वाद गर्म पानी से लेने पर सुबह कब्ज की परेशानी नहीं होती

६. एसिडिटी के लिए अवाला शतावरी चूर्ण को मिश्री और घी से मिलाने पर खाने पेट आराम मिलता है। (अम्लपित्त रोगियों को)

७. अमरूद और चमेली के पत्तो को चबाने से मुह के छाले ठीक हो जाते हैं।

८. अपामार्ग की पत्तियों का रस + हल्दी पाउडर से निर्मित लेप से स्थानीय रक्त श्राव बंद हो जाता हैं।

९. अपराजिता + काली मिर्च के पेस्ट के साथ दांतो पर रखने से दांतों का दर्द दूर रहता है।

१०. अर्दक का प्रयोग करने से भोजन में रुचि बढ़ती है।

११. अदरक नींबू स्वरस का दिन में 3–4 बार सेवन करने पर उल्टी फिर नही होती

१२. अर्जुन की छाल का पाउडर घाब जल्दी भरता है

१३. हड़जोड़ हड्डियों के लिए बढ़िया है।

१४. अश्वगंधा अनिद्रा को दूर करता है।

१५. पीपल झाइयों से राहत दिलाता है।

१६. भृंगराज बालों के साथ साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

१७. भूमि अवाला leucorrhea की कंडीशन (स्वरस १०-१५ml सुबह दिन में एक बार)

१८. भूमि अवाला के काढ़े से गार्गल करने पर मुह के छाले दूर होते है।

१९. ब्राह्मी के पत्तियों को नींबू स्वरस और हल्दी के साथ पीसकर एक्ने दूर हो जाते हैं।

२०. ब्राह्मी के तेल से बाल स्वस्थ रहते हैं निंद्रा आती हैं और स्ट्रेस दूर हो जाता हैं।

२१. चंगेरी का पेस्ट बनाकर सिर पर लगाने से सिरदर्द दूर हो जाता हैं।

२२. अनार-बिल्व- चित्रक तीनो पाइल्स में अच्छे हैं।

२३. अनार से व्यक्ति सेहतमंद रहता है।

२४. धनियॉ का सेवन अत्यधिक प्यास रोग में किया जा सकता है।

२५. बुखार में गिलोय को मुस्ता, परप्टक, चन्दन और सुठी के साथ काढ़ा तैयार कर पीना चाहिए

२६. ५-९gm गुडूची की पत्तियों का पेस्ट तक्र के साथ सप्ताह भर लेने से jaundice में लाभ मिलता है।

२७. गुडूची का जूस अर्थराइटिस रोगों में अच्छा रिजल्ट देता है।

२८. गुंजा का पेस्ट और तेल बालों के लिए वरदान है।

२९. हींग अदरक और काला नमक लेने पर गैस से राहत।

३०. पीरियड के दर्द में छाछ के साथ हींग+मेथी+थोड़ा नमक पीने से आराम मिलता है।

३१. जीरा पाइल्स - गैस में राहत और रुचि बढ़ता है।

३२. पका हुआ केला कब्ज से निजात दिलाता है।

३३. हाथ पैरों के दाह में कदली (केले) के पुष्प का पाउडर castor आयल के साथ बैंडेज तौर पर लगाने से फायदेमंद कहा गया है।

३४. कालमेघ विषम ज्वर में। ( सुठी कालीमिर्च तुलसी के साथ)

३५. कालमेघ को नीम और त्रिफला से पकाकर उसके क्वाथ से घाब खुजली आदि दूर होते है।

३६. केरेला रक्त की अशुद्धि को नष्ट करता है।

३७. खाली पेट करेला स्वरस पीने से पेट की कीड़े मर जाते है।

३८. कपूर मच्छरों के साथ साथ सिर की जुएँ को भी दूर करता है।

३९. खुजली में कपूर का तेल अच्छा है।

४०. खजूर से वजन बढ़ता है और साथ ही पुरुष लिंग दोष दूर होता है।

४१. खजूर रातों को पानी में भिगोकर खाने पर एसिडिटी से राहत मिलती है।

४२. कुल्थी अश्मरी में पथ्य है।

४३. घृतकुमारी(aloe vera) स्वरस में नींबू मिलाकर लगाने से डेंड्रफ दूर होता है और बाल नही झड़ते।

४४. एलो वेरा जूस पीने से त्वचा कोमल बनी रहती हैं।