- पुराने समय में कम पढ़े लोग बात बात में मुहावरे द्वारा और तुकबंदी के माध्यम से अनेक संदेश छोड़ गए और किसी को याद रह गए, तो उन्होंने इसका संकलन कर सुरक्षित कर दिया।
- ऐसी ही कुछ सूक्तियां कुछ पुरानी कबाड़े में मिली डायरियों से से लेकर प्रकाशित कर रहे हैं। गांव की ठेठ भाषा में में रोग मुक्ति के उपाय और
हानिप्रद पदार्थ
चैते गुड़, बैशाखे तेल। महुआ जेठ, असाढ़े बेल॥
सावन साग, न भादों मही। कुंवार करेला, कार्तिक दही॥
अगहन जीरा, पूस घना॥ माघ में मिश्री, फागुन चना॥
इन नियमों को, माने नहीं।मरे नहीं तो, परे सही ।
लाभप्रद पदार्थ
कार्तिक दूध, अगहन में आलू,
पूस पान और माघ रतालू।
फागुन शक्कर घी जो खाये।
चैत आंवला कच्चा चबाये।
बैशाखे जो खाय करेला,
जेठे दाख, असाढ़े केला।
सावन निशि में जब, तब खाये,
भादों ब्यार कबहिं नहीं पाये।
कार कामना देय बचाय,
तो सत वर्ष आयु हो जाय ।
काली खांसी का घरेलू इलाज
काली मिर्च महीन पिसावे,
आक-पुष्प और शहद मिलाय।
चटनी भोजन प्रथमहि खावे,
सूखी खांसी झट मिट जाय।।
पुराने असाध्य रोग का इलाज
छोटी पीपर शहद में, नित्य नियम सो खावे।
प्रातः निहार मुंह जो खावे, दमा, श्वास मिट जावे।
सोंठ कुलंजन, मिर्च, बच, पीपर, पतरज, पान।
इन्हें कूट गोली करे, श्वास, कांस की हान।
इमली की पत्ती हरी, रत्ती हींग मिलाये,
सैंधा नमक मिलाय के काढ़ा लेय बनाय,
जब चौथाई जल रहे, गरम-गरम पी जाय।
यहि प्रकर कुछ दिन पिए, सूखी खांसी जाय।
भोजन में अरुचि
किशमिश एक छटांक ले, दीजे रात्रि भिगोय। प्रातः नमक संग खाइए, काली मिर्च मिलाय। पुनः छटांक भिगोइए, और मट्ठा आधा सेर । व्रत रहकर निशि खाइए, महीनेभर दो बेर।
नेत्र रोग की देशी आयुर्वेदिक दवा
अदरक तथा प्याज रस, सिर्स पात रस लाय।
रोग रतौंधी दूर हो, नेत्रन इक माह लगाय॥
आप एक बार EYEKEY Malt के बारे में भी गुगल पर सर्च करें।
नपुंसकता और धातु रोग नाशक चिकित्सा
प्रतिदिन तुलसी बीज जो, पान संग नित खाय।
रक्त, धातु दोनों बढ़ें, नामर्दी मिट जाय।
BFeral Gold Malt के बारे एम3न गुगल पर आर्टिकल पढ़ें।
ज्वर बुखार का इलाज
ग्यारह तुलसी पत्र जो, स्याह मिर्च संग चार।
तो मलेरिया इकतारा, मिटे सभी विकार।