Sunday, February 27, 2022

कब्ज का घरेलू उपाय

 

कब्ज क्यों होती है, कब्ज का घरेलू उपाय क्या है?

कब्ज कोई बीमारी नहीं है। यह हमारी निष्क्रिय जीवनशैली का एक नमूना है। जो धीरे-धीरे हमारे शरीर में दीमक की तरह घुस जाती है और शरीर को जकड़ लेती है। फिर उससे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल होता है।

उसके लिए हम आधुनिक चिकित्सक के पास जाते है। वह हमें तत्काल प्रभाव वाली दवाइयां प्रदान करता है। जिन्हें खाने से तुरंत राहत तो मिल जाती है लेकिन, समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है, और जटिल बनती चली जाती है।

आलस्य, रात का खाना खाते ही सो जाना, पानी कम पीना, खाना खाने के आधे घंटे बाद पानी पीना भूल जाना, खाना खाते ही अधिक पानी पीना, व्यायाम की कमी, शारीरिक क्रियाकलापों की कमी, चिंता, अवसाद, दवाइयों का अधिक सेवन, ड्रग्स, नशीली दवाओं का सेवन, नशा… इत्यादि। कब्ज होने के मुख्य कारण है।

यह हमारे शरीर को दीमक की तरह धीरे-धीरे कमजोर बनाते है और सीधे हमारी आंत और पेट पर आघात करते है। जिससे आंते कमजोर हो जाते है। जो मल निष्कासन की क्षमता को कम कर देती है। धीरे-धीरे मल आंतों में सड़ने लगता है और टाइट होने लगता है। जिसको निकालने में आंते अक्षम हो जाती है, और कभी पेट साफ हो जाता है कभी नहीं होता।

जब बहुत ज्यादा समस्या होती है तो, हम मल निष्कासन करने के लिए चूरन व दवाओं का इस्तेमाल करते है जो आंतो के साथ जबरदस्ती कर मल त्याग करवाती है। जो बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। निरंतर इन दवाओं का सेवन करने से आंते और कमजोर हो जाती है। जो अल्सर और कैंसर का कारण बनता है।

अधिक दिनों तक आंतों में मल सड़ने से गैस बनती है। जो ह्रदय घात का एक मुख्य कारण है।

कब्ज के निवारण की बात करें तो आपको ऊपर लिखित सभी नियमों को ईमानदारी से पालन करना होगा। चिंता, अवसाद, नशा मुक्त रहना होगा। अपने दैनिक जीवन में व्यायाम को अपनाना होगा किसी भी तरीके के शारीरिक क्रियाकलाप बहुत जरूरी है।

एक बात ध्यान रखें कब्ज की समस्या एक दो महीने में नहीं बनती है।इसको बनने में सालों लगते है तो, सही होने में भी कुछ महीनों का वक्त अवश्य लगेगा इसमें जल्दबाजी या उत्तेजना ना दिखाएं।

इसके लिए आपको प्राकृतिक चिकित्सा और योग पद्धति के कुछ अभ्यास अपनाने चाहिए। इससे आपकी यह समस्या जड़ से खत्म होकर आपके शरीर को एक नया आयाम देगी। कुछ छोटे-छोटे अभ्यास जिनको कोई भी कर सकता है…

  1. सुबह उठते ही पेट भर गुनगुना पानी पिए, उसके बाद 1 से 3 मिनट ताड़ासन का अभ्यास करें और ताड़ासन में चलने की कोशिश करें। ऐसा करने से कुछ देर बाद आपको बहुत अच्छे वाला प्रेशर बनेगा। अगर आप की कब्ज की समस्या बहुत पुरानी है तो हो सकता है एक-दो दिन में प्रेशर ना बने, परंतु अभ्यास जारी रखें कुछ दिन बाद प्रेशर अवश्य बनने लगेगा।
  2. खाना खाते समय, खाने के बाद पानी ना पिए आवश्यकतानुसार एक या दो घूंट पानी पी सकते है। खाना खाने के आधे घंटे से 45 मिनट के अंतराल में पानी अवश्य पिए है।
  3. सुबह सूर्य उदय से पहले उठे, सूर्य उदय के बाद सोते रहने से पेट में एसिड बनने लगता है जो, कब्ज का मुख्य कारण है।
  4. सुबह किसी भी प्रकार की शारीरिक क्रिया अवश्य करें कुछ नहीं कर सकते तो कुछ दूरी तक पैदल चले।
  5. रात्रि का भोजन किसी भी हाल में सोने से 2 घंटे पहले कर ले और हो सके तो सुपाच्य और हल्का खाना खाएं।
  6. योगासनों में ताड़ासन, भुजंगासन, पश्चिमोत्तानासन, उत्तानपादासन, हलासन, अर्ध हलासन, मत्स्येंद्रासन… का अभ्यास कर सकते है। प्राणायाम में कपालभाति भस्त्रिका नाड़ी शोधन प्राणायाम महत्वपूर्ण है…

कब्ज की समस्या का निदान के लिए प्राकृतिक और योगाभ्यास को अपनाएं। दवाइयों से बचे। दवाइयों के चक्कर में जितना पड़ेंगे उतना उलझते चले जाएंगे।

#kailashbabuyoga

Wednesday, February 23, 2022

Indian Ayurveda Knowledge

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Treatment of Impotency (नपुंसकता का प्रभावी उपचार)

मर्दाना ताकत पाने तथा हस्थमैथुन से हुए नुकसान का उपचार कैसे करें?

हस्तमैथुन या किसी भी कारण से मर्दाना कमज़ोरी का उपचार करना चाहते हैं तो आपको इन सब बातों पर ध्यान देना होगा :

आपके पास सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही शरीर है और आख़िरी सांस तक इसी शरीर से ही सब कुछ करना है तो इसलिए सबसे पहले अपने शरीर को बर्बाद करना बंद करें, अगर आप इतना भी कर लेते हैं तो यह आपके शरीर पर एक बहुत बड़ा अहसान होगा

जो बीत चुका है उसको याद ना करें, उसको भुला कर एक नयी शुरुआत करे और दिमाग़ से नाकरात्मक विचारों को निकाल दें
खुद को शारीरिक तौर पर व्यस्त रखें और शरीर से पसीना बहाने की आदत डालें
अपने हाथों से अपनी शारीरिक उर्जा को ख़त्म करना बंद कर दें
अगर आप किसी भी नशा करने के शौकीन है तो नशा करना भी बंद कर दें
अगर ज़्यादा कमज़ोरी नही है तो आप 02 ग्राम सफेद मूसली और 02 ग्राम इलायची का पाउडर एक गिलास दूध में उबालकर सुबह और शाम को नाश्ते और खाने के एक घंटे बाद लें
आप भूलकर भी अँग्रेज़ी और बाजारू दवा ना लें क्योंकि ऐसा करने से आपके शरीर को ज़्यादा नुकसान होगा

अगर आपको ज़्यादा कमज़ोरी है तो आप यह दवा ले सकते हैं और आप इस दवा को खुद घर में ही बना सकते हैं :

शोधित शिलाजीत - 50 ग्राम
सालम पंजा - 30 ग्राम
कौन्च बीज - 20 ग्राम
शतावरी - 05 ग्राम
केसर - 02 ग्राम
बबूल - 20 ग्राम
ब्रहमी - 08 ग्राम
मुलहठी - 20 ग्राम
अरकरा - 10 ग्राम
तुलसी बीज - 15 ग्राम

शिलाजीत को छोड़कर बाकी सभी सामग्रियों को मिक्सर में पीस लें और शिलाजीत को कूट कर नरम कर लें और पानी की बूँदों का उपयोग करते हुये 180 गोलियाँ बना लें.

यह आपका 45 दिन का कोर्स तैयार हो गया है, सुबह और शाम को खाना खाने के एक घंटे बाद गुनगुने दूध के साथ 02 - 02 गोलियाँ लें.

with Thanks by

Dr. C.M. Garg (Amulya Aarogya)

Monday, February 21, 2022

खासी की देसी दवा

 

खासी की देसी दवा क्या है?

मेरे एक शिष्य को लगभग 15 साल पहले इन्हीं दिनों में बलगम वाली खांसी हुई थी। उसे मैंने एक चम्मच आंवला चूर्ण और मुलेठी चूर्ण (दोनों बराबर मात्रा में )दिन में तीन बार गुनगुने पानी से लेने के लिए कहा। एक सप्ताह में वह पूरी तरह से ठीक था। दवा डेढ़ चम्मच तक प्रति खुराक ली जा सकती है।

दूसरी दवा उस प्रकार की खांसी के लिए दी गई थी जिसमें एक युवक खांसते खांसते अधमरा सा हो जाता था और शरीर नीला सा होने लगता था। वह आश्रम के निकट गाँव में ही रहता है। उसके बुजुर्गो ने बीमारी शुरू होने के 6 माह बाद मुझसे उस दिन सम्पर्क किया था जब वह युवक गंभीर हालत में लखनऊ मेडिकल कालेज में भर्ती करा दिया गया था। शाम को डॉक्टरों ने जवाब दे दिया, बचेगा नहीं, ले जाओ। अस्पताल से सीधे मेरे पास ले आए। खांसी के कारण वह सो भी नहीं पाता था। मैंने दवा बताई —दो चाय वाली चम्मच गाय का घी एक कटोरी में डाल कर चूल्हे पर गर्म होने के लिए रख दो। खूब गर्म होने पर बीस ग्राम काली मिर्च घी में डाल दो। भुनने पर मिर्च ऊपर तेरने लगेंगी। अब इसमें दो चम्मच खांड या मिश्री का चूर्ण मिला कर आग से उतार कर हल्का गर्म रहने पर मरीज को खिलादो।

दवा खाने के दो तीन घंटे बाद वह लड़का सोया। सुबह उसे दूसरी खुराक दी गईं। बस, लड़का स्वस्थ है, नौकरी करता है।

with thanks

Swamiramanuj Acharya

Wednesday, February 2, 2022

Great Indian Nari

 

आईएएस स्मिता सभरवाल में क्या खास है?

22 साल की उम्र में IAS अफसर बनी फौजी की बेटी, हटके हैं इनके काम करने का अंदाज

19 जून 1977 को जन्मी स्मिता पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग की रहने वाली हैं। उनके पिता रिटायर सेना अधिकारी कर्नल प्रणब दास हैं। उनकी मां का नाम पुरबी दास है। पिता के आर्मी में रहने की वजह से स्मिता अलग-अलग शहरों में पली-बढ़ी हैं। पिता के रिटायरमेंट के बाद सभी हैदराबाद में सेटल हो गए। वहीं, स्मिता की स्कूलिंग हुई। 12 वीं में स्मिता ISC टॉपर रहीं। इसके बाद कॉमर्स स्ट्रीम से उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है।

स्मिता के माता-पिता ने आईसीएसई स्टैंडर्ड को टॉप करने के बाद अपनी बेटी को सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रोत्साहित किया। स्मिता ने जब सिविल सेवा की पढ़ाई शुरू की तो पहली बार में उन्हें असफलता हाथ लगी और वो प्रीलिम्स भी नहीं क्लियर कर पाई थीं। पर उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से कड़ी मेहनत के साथ कोशिश की।

और वो दिन भी आया जब वो यूपीएससी का पेपर पास करने वाली सबसे कम उम्र की स्टूडेंट बनीं। साल 2000 में अपने दूसरे प्रयास में, उन्होंने न केवल परीक्षा पास की बल्कि उन्होंने ऑल इंडिया 4th रैंक हासिल की। यूपीएसससी में टॉप करके मां-बाप का नाम रोशन किया।

स्मिता ने पहले तेलंगाना कैडर के आईएएस की ट्रेनिंग ली और नियुक्ति के बाद वह चितूर में सब-कलेक्टर रहीं। वो कडप्पा रूरल डेवलपमेंट एजेंसी की प्रोजेक्ट डायरेक्टर,वारंगल की नगर निगम कमिश्नर और कुरनूल की संयुक्त कलेक्टर रही हैं।

अबतक के करियर में स्मिता की तैनाती तेलंगाना के वारंगल, विशाखापट्टनम, करीमनगर और चित्तूर में हुई है। स्मिता जहां-जहां काम गईं लोग आज भी उन्हें याद रखते हैं और उनकी छवि जनता की अधिकारी वाली बन गई है।

बता दें कि स्मिता ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां संभालीं हैं जिसके लिए लोगों ने उन्हें काफी सराहा जाता है। उन्हें तेलंगाना राज्य में किए गए कई सारे सुधारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने तेलंगाना के लोगों की कई तरह से मदद की और जनता पर केंद्रित कई सारी योजनाओं को पूरा किया।

स्मिता ने आईपीएस ऑफिसर डॉक्‍टर अकुन सबरवाल से शादी की है, उनके दो बच्‍चे नानक और भुविश हैं। सोशल मीडिया पर स्मिता सबरमाल काफी चर्चा में रहती हैं। उनके काम करने के अंदाज और गरीबों की मदद के जुनून को सराहा जाता है।