मुगल्लिज़ जवाहरी या मुग़लीज़ जवाहर के नाम से बिकने वाली यूनानी चिकित्सा पद्धति की क्लासिकल औषधि है जो माजून (घी कर शक्कर या शहद में पकाकर तैयार) विधि से निर्मित की जाती है। यह एक अद्भुत यौन शक्ति वर्धक) औषधि है जिसे यूनानी चिकित्सा में हर्बल वियाग्रा के समान माना जाता है। यह औषधि यह खासतौर से पुरुषों में पावर स्टैमिना को बढ़ाने, जोश व नई उमंग जगाने के लिए बनाई जाती है। बहुत सी कंपनिया इसे मिलते जुलते नाम से बनाती हैं लेकिन सबके योग सामग्री में अंतर होता है।
इसमें दारचीनी या दालचीनी, तबाशीर या वंशलोचन, मस्तगी रूमी या रूमी मस्तकी (पिस्ता के परिवार का एक दूसरे पेड़ का गोंद), ज़ाफरान या केशर, कुश्ता यशहब सब्ज (हरा) या हरिताश्म (जेड रत्न) की भस्म, कुश्ता जमुरूद या पन्ना भस्म, कुश्ता मरवारीद या मोती/मुक्ता भस्म, वर्क नुकरा या चांदी का वर्क, मगज बादाम या बादाम गिरी, मगजे चिलगोजा या चिलगोजा की गिरी और नबाते सफेद इन सभी जड़ी बूटियों के मिश्रण से माजून (अवलेह के समान प्रक्रिया) बनाने की विधि द्वारा इसे बनाया जाता है।
यही औषधि पुरुषों के जननांगों की पेशियों को ताकत देता है साथ ही भरपूर जोश जगाता है। पुरुषों में आई किसी भी तरह की कमजोरी को दूर करता है। नामर्दी और नपुंसकता जैसी परेशानी के लिए एक खास दवाई है। यह यौन इच्छा को बढ़ाता है। नया जोश उमंग जगाता है। खास तौर से मर्दाना कमजोरी के लिए एक बेजोड़ दवाई बताई जाती है। बढ़ती उम्र के लोगों के लिए बहुत ही खास यह दवाई है। इसके इस्तेमाल से लिंग में आई लूजनेस खत्म होती है और साथ ही प्रॉपर इरेक्शन वह हार्डनेस आता है। हस्तमैथुन के दुष्प्रभाव को दूर करता है और शीघ्रपतन की समस्या को नष्ट करता है।
एक यूनानी दवाई है। इसे काफी तेज असरदार दवाई बताया जाता है। दिल व दिमागी अमराज से परेशान मरीजों को इसका इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए और इसके अलावा 25 साल से कम के युवाओं को भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके ओवरडोज से भी बचना चाहिए ओवरडोज होने पर पानी ज्यादा पीना चाहिए।
With Thanks by
ASWANI KUMAR