इसके लिए हम आपको एक छोटी सी कहानी बताते हैं।
एक बार एक वैद्य की लड़की कुएं पर पानी लेने गई। घड़ा भर कर एक व्यक्ति को घड़ा उठवाने के लिए बुलाया, परंतु उस व्यक्ति ने घड़ा उठवाने से मना कर दिया। उस लड़की ने नाराज होकर उस व्यक्ति को धमकी दी कि कभी मेरे पिता के पास दवाई लेने के लिए आओगे तब तुम्हें बताउंगी । उस व्यक्ति ने कहा कि मैं तेरे पिता के पास कभी नहीं आऊंगा क्यों कि मैं दिन में दो बार, महिने में दो बार और साल में दो बार चिकित्सा करता हूं। उस लड़की ने अपने पिता से उस व्यक्ति की शिकायत की और उस व्यक्ति द्वारा कही गई बात का अर्थ पूछा।
वैद्य जी ने कहा कि वह व्यक्ति दिन में दो बार मल त्याग करता है, महिने में दो बार व्रत रखता है और साल में दो बार जुलाब लेता है। इस से उसके शरीर में कोई भी बिमारी नहीं होगी और उसे मेरे पास आने की कोई आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।
नोट-- जुलाब लेना होता है दस्त लगने की दवा ले कर पेट साफ करना।
By Shri Radhey Shyam
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