Thursday, August 26, 2021

नपुंसकता और शीघ्रपतन को ठीक करने के घरेलू और आयुर्वेदिक तरीके

 नपुंसकता अथवा मर्दाना ताकत की कमी को कैसे सिर्फ कुछ दिनों में आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है?

नपुंसकता और शीघ्रपतन क्या है?

नपुंसकता – नपुंसकता एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति सम्भोग के दौरान अपने लिंग के कड़ेपन को बनाये रखने में सक्षम नहीं हो पाता।

शीघ्रपतन – शीघ्रपतन में पुरुष का वीर्य जल्दी स्खलित हो जाता है जबकि अभी महिला को संतुष्टि नहीं हुई है। अध्ययन में ये पाया गया है कि इसका टाइमिंग से कोई लेना-देना नहीं है। जब दोनों पार्टनर संतुष्ट न हो, उस स्थिति को शीघ्रपतन कहा जाता है।

नपुंसकता और शीघ्रपतन को ठीक करने के घरेलू और आयुर्वेदिक तरीके (Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi)

आइये अब जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे ( Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi) जिनकी सहायता से आप नपुंसकता और शीघ्रपतन जैसी समस्यायों से मुक्ति पा लेंगे।

इमली के बीज

5 इमली के बीज रात को सोने से पहले एक कटोरी गर्म पानी में भिगो दें। सुबह को हाथ से रगड़कर इनका छिलका उतारें। एक किलो दूध में डालकर आधा दूध रहने तक पका लें। फिर दूध उतारकर प्राकृतिक रूप से ठंडा होने दें। बीज फूल जाएंगे।

सेवन की विधि – रात को सोने से पहले सारे बीजों को बारीक चबाकर खाएं, साथ में बाकी दूध भी पी लें। कुछ ही दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा। एक माह नियम से सेवन करें।

सावधानी – खटाई का परहेज करें। दवा लेते समय पूरी तरह ब्रह्मचर्य का पालन करें।

बंश लोचन

असली बंश लोचन और सत्व गिलोय बराबर मात्रा में लें तथा कूट लें। प्रतिदिन दो ग्राम शहद के साथ लें। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है और जल्दी स्वतः स्खलित नहीं होता।

प्याज का रस

20 तोला प्याज का रस और 20 तोला शहद को मिलाकर शरबत तैयार कर लें। ढाई तोला रोज सेवन करने से नामर्दी और काम शक्ति की कमी में बड़ा लाभ होता है, साथ ही शरीर सबल और पुष्ट बनता है।

सूखे आंवले का चूर्ण

सूखे आंवले का चूर्ण – 6 ग्राम, गाय के दूध के साथ रोज खाने से मर्द का वीर्य अधिक गाढ़ा व शक्तिशाली बनता है। शरीर में शक्ति आती है तथा वीर्य विकारों जैसे – स्वप्न दोष, शीघ्रपतन आदि का शमन होता है।

जटामांसी

यह एक खुशबूदार शाक है, जिसका सम्बन्ध वैलेरियन परिवार से है। यदि कोई व्यक्ति नपुंसकता की गंभीर समस्या से परेशान है तो जटामांसी का प्रयोग उसके लिए काफी लाभकारी है।

सेवन की विधि – इस जड़ी-बूटी को पाउडर के रूप में लिया जाता है। इसके पाउडर एक चौथाई चम्मच को शहद के साथ लिया जाता है।

जटामांसी, जायफल, सोंठ और लौंग को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोजाना दिन में 3 बार सेवन करने से नपुंसकता से छुटकारा मिलता है।

सावधानी – इसके ज्यादा सेवन से उल्टी, दस्त और गुर्दों को हानि पहुंच सकती है। इसके साथ साथ जिनकी त्वचा संवेदनशील है, उन्हें एलर्जी भी हो सकती है। तो जटामांसी का प्रयोग करने से पहले अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

वीर्य दोष कितने प्रकार के होते हैं? वृद्धावस्था में नपुंसकता के लक्षण और निदान क्या हैं? शुद्ध शुक्र के क्या लक्षण हैं? इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए गूगल पर सर्च करें -"Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi-चरक संहिता" इसके बाद ghrelunuskhe वेबसाइट पर जाएँ और सारी जानकारी डिटेल में प्राप्त कर लें। धन्यवाद।

With Thanks Puneet Shukla

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