Saturday, April 24, 2021

क्या हम भविष्य में होने वाले हैंड सेनीटाइजर के दुष्परिणामों से वाकिफ हैं?

मेरी ज्यादातर आदत रही , पर्स में सेनिटाइजर रखने की। अब कोरोना काल में तो, ये सब जरूरी ही हो गया है।

अभी कुछ दिन पहले, मै किट्टी में गई थी, मैने बैठते ही सेनिटिजर निकाल कर हाथ में लगाया, क्योंकि हम लोगों के होटल में, लिफ्ट वगैरा में हाथ,या इधर उधर हाथ लगते ही रहते है। पास बैठी फ्रेंड को भी सेनिटिजर ऑफर किया, उसने मना कर दिया की, कि sanitizer लगाने से उसके हाथ बहुत रूखे हो गए।

मैं सोचने लगी, कि सेनिटाइजर से भी हाथ खराब हो सकते हैं क्या?

सैनिटाइजर के बारे में इतनी जानकारी नहीं थी कि इसके अत्यधिक इस्तेमाल से काफी नुकसान होता है। फिर जुट गई, इसकी एक्स्ट्रा जानकारी जानने के लिए, लीजिए सेनिटाइजर की पूर्ण व्याख्या😊

हैंड सेनिटाइजर में मिले, कई तरह के केमिकल्स:

1. हैंड सेनिटाइजर में ट्रायक्लोसान नाम का एक कैमिकल होता है। जो सेनिटाइजर के अत्यधिक उपयोग से हाथों की त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। ये रक्त के साथ मिलकर मांसपेशियों के आर्डिनेशन को नुकसान पहुंचाता है।

2.सेनिटाइजर में मिला बेजालकोनियम क्लोराइड हाथों से बैक्टीरिया तो निकाल देता है, पर उसमे खुजली और जलन पैदा कर देता है।

3.बहुत से सेनिटाइजर, खुशबू वाले होते है, जिसको लगाने से, और उसकी भीनी भीनी खुशबू से मन प्रसन्न तो हो जाता है, पर वह हमारी shin के लिए कितने नुकसानदेह है, पता नही चलता।

ऐसे सेनिटाइजाओं में खुशबू के लिए फैथलेट्स नामक रसायन का इस्तेमाल होता है, इसकी अत्यधिक मात्रा, पाचन तंत्र पर बुरा असर छोड़ती है, ये हमारे लीवर, फेफड़े और प्रजनन तंत्र को नुकसान पहुंचाते है।

4.सेनिटाइजर के ज्यादा, इस्तेमाल से त्वचा ड्राई हो जाती है।

बच्चों के लिए भी सेफ नहीं:

1.ये अल्कोहल युक्त, होने के कारण बच्चों की सेहत के लिए भी सेफ नहीं है। अगर कभी बच्चा इसे पी ले, तो यह नुकसान देह है।

2.रिसर्च के अनुसार, यह बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम पर भी बुरा असर छोड़ता है।

3. इससे बच्चे चिड़चिड़ी और बीमार हो जाते हैं।

4. छोटे बच्चों की बार-बार मुंह में हाथ डालने की आदत होती है। जिससे उनके हाथ में लगा, सेनीटाइजर उनके पेट में जाता है। जो उनकी पाचन शक्ति को प्रभावित करता है। जिससे उनके पेट में दर्द और उल्टी की समस्या हो सकती है। इस कारण डॉक्टर्स बच्चों के लिए, अल्कोहल फ्री सेनीटाइजर इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।

सैनिटाइजर एलर्जी होने का भी कारण बन सकता है:

बच्चों के लिए हर्बल और ऑर्गेनिक सेनीटाइजर का उपयोग करना बेहतर होता है। नॉर्मल सैनिटाइजर में पाए जाने वाले केमिकल्स बच्चों में एलर्जी की समस्या पैदा कर सकते हैं। सेनिटाइजर की सुगंध, बच्चों के लिए नुकसानदेह भी होती है। इसलिए बच्चों के लिए, सुगंध रहित सेनिटाइजर का ही प्रयोग करें।

सैनिटाइजर की वजह से आंखों में प्रॉब्लम:

डॉक्टर्स के अनुसार, सेनिटाइजर में 60% 70% अल्कोहल की मात्रा होने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। इससे आंखों में जलन, चुभन, लाली और खुजली की समस्या होने लगती है। अल्कोहल की अधिक मात्रा कंजेटाईवा और कार्निया के लिए केमिकल ईरीटेंट का काम करती है।

सेनिटाइजर की बजाय, साबुन से हाथ धोना बेहतर होता है:

बहुत से लोग, हाथ धोने की बजाय, सेनिटाइजर लगाकर ही खाना खा लेते हैं, लेकिन यह गलत है ऐसा करने से सैनिटाइजर में पाया जाने वाला आइसोप्रोपिल अल्कोहल उनके हाथों के माध्यम से पेट में चला जाता है, जिससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है यह फूड प्वाइजनिंग और पेट से जुड़ी बीमारियां होने का कारण भी बन सकता है।

अगर आप घर और ऑफिस में हैं, तो साबुन से ही हाथ धोना बेहतर होता है।

सेनिटाइजर में बहुत से हानिकारक केमिकल्स पाए जाते हैं, अगर आपने भोजन से पहले सैनिटाइजर का प्रयोग किया है तो भी आप साबुन से हाथ जरूर धोएं।

अत्यधिक जरूरत के समय सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें:

अगर आप बच्चों के साथ बाहर घूमने, पिकनिक या मॉल में गए हैं, तभी सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें या फिर हॉस्पिटल या किसी बीमार व्यक्ति को देखने गए हैं तब सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें, क्योंकि बच्चे जल्दी ही बीमारियों के संपर्क में आ जाते हैं।

अधिकतर लोग समझते हैं कि सेनिटाइजर लगा लिया, हम सेफ हो गए। पर ध्यान से देखा जाए, तो सेनिटाइजर का अत्यधिक उपयोग नुकसानदेह है, जो शरीर को अंदरूनी क्षति पहुंचाता है।

इसलिए जरूरत के अनुसार ही सेनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए। वरना पुराने जमाने की तरह, ज्यादा से ज्यादा साबुन इस्तेमाल करने की आदत डालें।

चित्र: गुगल से

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