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जानिए 125 साल की उम्र खुद को कैसे सेहतमंद बनाए हुए हैं काशी के स्वामी शिवानंद
वाराणसी के स्वामी शिवानंद की उम्र जितना चौंकाती है, उससे ज्यादा यह कि 125 वर्ष की उम्र में भी वह एकदम चुस्त-दुरुस्त हैं। गोरखपुर के आरोग्य मंदिर में शिष्यों के साथ दस दिन के प्रवास पर आए स्वामी शिवानंद की शतकपार इस सेहत का राज है- 'नो ऑयल, ओनली ब्वॉएल'। शिष्यों ने उनका नाम गिनीज बुक ऑफ दि वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे उम्रदराज व्यक्ति के रूप में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन भी किया है।
दुर्गापुरी, वाराणसी के रहने वाले स्वामी शिवानंद बाल ब्रह्मचारी हैं। स्कूली शिक्षा नहीं ली है मगर स्वाध्याय से योग, अध्यात्म के गुह्य राज से वाकिफ हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला भाषा बखूबी बोलते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा से शिष्यों को परिचित कराने के लिए वह गोरखपुर के आरोग्य मंदिर में आए हुए हैं। पासपोर्ट व आधार कार्ड पर अंकित जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 के अनुसार उनकी आयु 125 वर्ष है। इस उम्र में भी वह एकदम स्वस्थ हैं। स्वामी शिवानंद इसका राज इंद्रियों पर नियंत्रण, संतुलित दिनचर्या, सादा भोजन, योग व व्यायाम बताते हैं। स्वामी शिवानंद के दो मूल मंत्र हैं- 'मिजाज कूल लाइफ ब्यूटीफुल' और 'नो ऑयल ओनली ब्वॉएल'।
रोज अलसुबह 3 बजे उठ जाते हैं। नित्य क्रिया, जाप व ध्यान, व्यायाम के बाद सुबह नाश्ते में लाई-चूरा, दोपहर व रात के भोजन में दाल-रोटी व उबली हुई सब्जी लेते हैं। रात में 8 बजे सो जाते हैं। नंगे पैर चलते हैं। सामाजिक कार्यों में भी रुचि रखते हैं। प्रतिवर्ष पुरी में लगभग 500 कुष्ठ रोगियों को अन्न, तेल-मसाले व दैनिक उपयोग की सामग्री वितरित करते हैं।
वर्तमान बांग्लादेश में हुआ था जन्म
स्वामी शिवानंद का जन्म सिलहट्ट जिला (वर्तमान में बांग्लादेश का हबीबगंज जिला) स्थित हरिपुर गांव में भगवती देवी एवं श्रीनाथ ठाकुर के घर हुआ था। घोर आर्थिक तंगी के कारण माता-पिता ने चार साल की उम्र में उन्हें बाबा ओंकारानंद गोस्वामी को दान कर दिया था। जब छह वर्ष के थे, तभी उनके माता-पिता और बड़ी बहन का निधन हो गया था। बाबा ओंकारानंद के सानिध्य में ही उन्होंने वैदिक ज्ञान हासिल किया और 16 वर्ष की उम्र में पश्चिम बंगाल आ गए।
50 से ज्यादा देशों का कर चुके हैं भ्रमण
स्वामी शिवानंद अपने शिष्यों के बुलावे पर इंग्लैंड, ग्रीस, फ्रांस, स्पेन, आस्ट्रिया, इटली, हंगरी, रूस, पोलैंड, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड, जर्मनी, बुल्गेरिया, यूके आदि 50 से ज्यादा देशों का भ्रमण कर चुके हैं।
स्वामी शिवानंद 125 वर्ष की उम्र में भी एकदम चुस्त-दुरुस्त हैं। सादा-संतुलित जीवन उनकी लंबी उम्र और निरोगी काया का राज है। वह आरोग्य मन्दिर में 10 दिवसीय प्रवास पर अपने शिष्यों को योग साधना सिखाने आए हैं।
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