दो घंटे युद्ध और चलता तो भारत की सेना लाहौर पर कब्जा कर लिया होता ! लेकिन तभी पाकिस्तान को लगा की जिस रफ्तार से भारतीय सेना आगे बढ रही है, हमारा तो पुरा अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा !
(भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 का युद्ध, भारत पाकिस्तान युद्ध का भाग -- तिथि- अगस्त सितम्बर 1965 - स्थान भारतीय उपमहाद्वीप परिणाम- संयुक्त राष्ट्र के घोषणा पत्र के द्वारा युद्ध विराम)
तभी पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा की वो किसी तरह से युद्ध रुकवा दे !
अमेरिका जानता था की शास्त्री जी इतनी जल्दी नही मानने वाले, क्युंकि वो पहले भी दो तीन बार भारत को धमका चुका था !
धमका कैसे चुका था ??
अमेरिका से गेहुं आता था भारत के लिए PL 48 स्किम के अंडर ! PL 48 का मतलब -- Public Law 48 - जैसे भारत मे संविधान मे धाराएं होती है ऐसे ही अमेरिका मे PL होता है ! तो बिल्कुल लाल रंग का सडा हुआ गेहुं अमेरिका से भारत आता था !
और ये समझौता नेहरु ने किया था !
जिस गेहुं को अमेरिका मे जानवर भी नही खाते थे, उसे भारत के लोगो के लिए आयात करवाया जाता था ! आपके घर मे कोई बुजुर्ग हो तो आप उनसे पुछ सकते है ! - कितना घटिया होता था वो
तो अमेरिका ने भारत को धमकी दी की हम भारत को गेहुं देना बंद कर देंगे !
तो शास्त्री जी ने कहा....हां बंद कर दो, फिर कुछ दिन बाद अमेरिका का बयान आया कि अगर भारत को गेहुं देना बंद कर दिया तो भारत के लोग भुखे मर जायेंगे !
शास्त्री जी ने कहा की हम बिना गेहुं के भुखे मरे,
या अधिक खा के मरे, तुम्हे क्या तकलिफ है ??
हमे भुखे मरना पसंद होगा बशर्ते तुम्हारे देश का सडा हुआ गेहुं खा के ! एक तो हम पैसे भी पुरे दे, और उपर से सडा हुआ गेहुं खाये, नही चाहिए तुम्हारा गेहुं !
फिर शास्त्री जी ने दिल्ली मे एक रामलिला मैदान मे लाखो लोगो निवेदन किया कि एक तरफ पाकिस्तान से युद्ध चल रहा है, ऐसे हालातो मे देश को पैसो की जरुरत पडती है, सबलोग अपने फालतु खर्चे बंद करें ताकी वो domestic saving से देश को काम आये, या आप सीधे सेना के लिए दान दें !
और हर व्यक्ति सप्ताह मे एक दिन सोमवार का व्रत जरुर रखे ! तो शास्त्री जी के कहने पर देश के लाखों लोगों ने सोमवार को व्रत रखना शुरु कर दिया था !
हुआ ये कि हमारे देश मे ही गेहुं बढने लगा, और शास्त्री जी भी सोमवार का व्रत रखा करते थे ! शास्त्री जी ने जो लोगो से कहा, पहले उसका पालन खुद किया !
उनके घर मे काम वाली बाई आती थी, जो साफ सफाई और कपडे धोती थी, तो शास्त्री जी ने उसको हटा दिया, और बोले की देश हित को ध्यान मे रखते हुए मै अपने उपर इतना खर्चा नही कर सकता, मै खुद ही घर की सारी सफाई करुंगा ! क्युंकि उनकी पत्नी ललिता देवी बीमार रहा करती थी !
और शास्त्री जी अपने कपडे भी खुद धोते थे, उनके पास सिर्फ दो जोडी धोती कुर्ता ही थी !
उनके घर मे एक ट्यूटर भी आया करता था, उनके बच्चो को अंग्रेजी पढाया करता था ! तो शास्त्री जी ने उसे भी हटा दिया, तो उसने शास्त्री जी से कहा कि आपका बच्चा अंग्रेजी मे फेल हो जायेगा !
तब शास्त्री जी ने उससे कहा कि होने दो, देश के हजारो बच्चे अंग्रेजी मे ही फेल होते है, तो भारतीय अंग्रेजी मे फेल हो सकते है ये तो स्वाभाविक है, क्युंकि अपनी भाषा ही नही है ये !
एक दिन शास्त्री जी की पत्नी ने कहा कि आपकी धोती फट गई है, आप नई धोती ले आईये ! शास्त्री जी ने कहा बेहतर होगा की सुई धागा लेकर तुम इसको सिल दो, मै नई धोती लाने की कल्पना भी नही कर सकता ! मैने सबकुछ छोड दिया है, पगार लेना भी बंद कर दिया है, और जितना हो सके कम से कम मे घर का खर्च चलाओ !
अंत मे शास्त्री जी युद्ध के बाद समझौता करने ताशकंद गए, और फिर जिन्दा कभी वापस नही लौट पाये ! पुरे देश को बताया गया कि उनकी मृत्यु हो गई, जबकी उनकी हत्या की गई थी !
भारत मे शास्त्री जी जैसा सिर्फ एक मात्र प्रधानमंत्री हुआ जिसने अपना पुरा जीवन आम आदमी की तरह व्यतित किया ! और पुरी इमानदारी से देश के लिए अपना फर्ज अदा किया !
जिसने जय जवान जय किसान का नारा दिया !
क्योंकि उनका मानना था की देश के लिए अनाज पैदा करने वाला किसान और सीमा पर रक्षा करने वाला जवान दोनो देश के लिए सबसे ज्यादा महत्वपुर्ण है !
स्वदेशी की राह पर उन्होने देश को आगे बढाया, विदेशी कम्पनियों को उन्होने देश मे घुसने नही दिया ! अमेरिका का सडा गेहुं बंद करवाया !
ऐसा प्रधानमंत्री भारत को शायद ही कभी मिले ! अंत मे जब उनका pass book चेक कि गई तो सिर्फ 365 रुपये 35 पैसे थे उनके बैंक अकाउंट मे !
शायद आज कल्पना भी नही कर सकते की ऐसा नेता भारत मे हुआ !
मेरे आदर्श लालबहादुर शास्त्री जी को शत शत नमन !
#सनातन_संस्कृति_और_विज्ञान 🚩
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