जवानी के जोश में व्यक्ति होश खो बैठता है उसे नज़र आता है शराब व कवाब का मजा व उसमे जग उठती है अंधाधुन्द धन कमाने की इच्छा, दौलत कमाने के चक्कर में अपना स्वास्थ्य खो बैठता है और फिर जीवन का सत्य नज़र आता है कि वह यह क्या कर गया| जब एक मजदुर को चैन की नींद सोते देखता है। बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाते-2 उसकी नींद व शांति दोनों ही छीन चुकी होती हैं। आज उस डॉ. से समय (Appointment) लेना है तो आज दूसरे से। पर अब पछतावा क्या होता है जब चिड़िया चुग गयी खेत| अपनी मुर्खता पर आंसू बहाने के आलावा उसके पास कोई रास्ता नहीं रहता।
जैसे ही व्यक्ति 45 पर करता है निम्न रोंगों व दवाओं का कुचक्र उसको बर्बाद करने के लिए सामने खड़ा नज़र आता है।
1. उच्च रक्तचाप की दवा
2. मधुमेह की दवा
3. यूरिक एसिड कम करने की दवा
4. कोलेस्ट्रोल कम करने की दवा
5. एसिडिटी दूर करने की दवा
6. नींद लेन की दवा
7. डिप्रेशन दूर करने की दवा
8. Anxietyनियंत्रण करने की दवा
9. कव्जदूर करने की दवा
10. दर्द दूर करने की दवा
इन दस दवाओं में से कोई दो या तीन दवाएँ लगभग एक चोथाई जनता को 45 वर्ष से ऊपर की उम्र में देने की आवश्यकता आन पड़ी हैं और यदि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जाग्रति न आयी तो आने वाले 5 वर्षो में इस दवाओं की खपत दुगनी हो जाएगी| ये सभी दवाएँ Slow Poison हैं जो हमारे Liver कोधीरे-2 करके Damage करती चली जाती है व व्यक्ति में अनेक जटिलताएं उत्पन्न होती हैं। यदि हम इनसे पीछा छुड़ाना है तो हमें युवा उम्र में ही कोई न कोई स्वास्थ्य संवर्धन का तरीका अवश्य अपनाना होगा| चाहे कोई योग केंद्र में जाएँ और चाहे कोई खेलकूद अपनायें। अन्यथा स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बढती उम्र हमारे लिए बहुत दर्दनाक साबित हो सकता हैं|
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