महाभारत युद्ध के उपरांत पांडव श्री कृष्ण के साथ वन विहार कर रहे थे अचानक उन्होंने कुछ अजीबो-गरीब दृश्य अपने ध्यान में देखे। भगवान् कृष्ण ने उनका स्पष्टीकरण निम्न प्रकार किया:
- भीम ने देखा कि गाय अपने बछड़े को साफ होने के बाद भी उसे इस कदर चाट रही है कि वह घायल हो रहा है, इससे पता चलता है कि कलयुग में माता-पिता अपने बच्चों को बहुत लाड-प्यार करेंगे, अत्याधिक सुविधाएँ देंगे, जिससे उनके भविष्य, व्यक्तित्व और क्षमताओं का नाश होगा।
- अर्जुन ने एक पक्षी को देखा, जिसकी पंखों पर वैदिक मंत्र थे, लेकिन उसी समय वह अन्य पशुओं का मांस खा रहा था। यह बताता है कि कलयुग में धर्माधिकारियों द्वारा धर्म और संस्कृति को बनाए रखने का काम तो होगा, लेकिन उनका व्यक्तित्व उच्चकोटि का नहीं होगा। वो अपने लाभ के लिए भक्तों का शोषण करेंगे व भोग-विलास में लिप्त होंगे।
- युधिष्ठिर ने दो सूंडों वाले हाथी को देखा, जिसका संकेत है कि इस दुनिया के हर कोने में दो चेहरे वाले लोग होंगे, शासक बड़ी मधुर-मधुर बातें बनायेंगे परन्तु उनके कर्म बहुत घटिया व भ्रष्ट होंगे, जिससे सामान्य लोगों के दुख बढ़ेंगे।
- सहदेव ने देखा कि एक कुआँ चार और कुएँ से घिरा हुआ है और चारों बह रहे हैं, लेकिन बीच में खाली है। इससे संकेतित होता है कि गरीबी होगी और धनी और अमीर लोग जो विशाल संपत्ति रखते हैं, उसे अपने लाभ के लिए उपयोग करेंगे, लेकिन गरीब को एक पैसा नहीं देंगे।
- नकुल ने देखा कि पहाड़ से एक बड़ा पत्थर गिर रहा है, हर पेड़, इमारत, दीवार आदि को कुचलते हुए, लेकिन एक छोटी सी पौधे ने उसे रोक दिया। उसी तरह, मानवों के साथ, उनके नैतिकता और नैतिक मूल्य गिरेंगे, और उनकी लालसा सब कुछ कुचल देगी जो उनके रास्ते में आएगा, लेकिन वे केवल तभी रुकेंगे जब वे भगवान के नाम का जाप करेंगे।
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