विश्वयुद्ध के समय जापानी सेना द्वारा बंदी बनाई गई औरतों के साथ क्या किया जाता था ?
विश्वयुद्ध में जापानी सेना द्वारा बंदी बनाई गई महिलाओं के साथ जानवरों से भी बदतर बर्ताव किया जाता था।जापानी सेना किसी शहर पर कब्ज़ा जमाने के बाद वहाँ की औरतों के साथ बलात्कार करते और उन्हें तड़पा तड़पा के मार डालते थे।
जापानियों ने 10 साल की बच्चियों तक को नहीं छोड़ा और एक एक लड़कियों से समूह में बारी बारी से दुष्कर्म किया जाता था जब तक वे बेसुध या मार न जाए।
कई महिलाओं को पकड़ के वे तवायफ़ खानों में डाल देते थे जहाँ वे युद्ध लड़ रहे जापानी सैनिकों की रखैल बन कर रहती थीं और विरोध करने पर मार दी जाती थीं।
इन्होंने गर्भवती महिलाओं तक को नहीं छोड़ा। जापानी इम्पीरियल आर्मी दुनिया की सबसे बदतर और नीच आर्मी थीं। ये महिलाओं को बंदी बनाकर उनपर तरह तरह के खतरनाक एक्सपेरिमेंट करते थे जैसे-
महिलाओं को रेडियोएक्टिव पदार्थ देना और उन्हें तड़पाना
महिलाओं में एचआईवी के वायरस जबरदस्ती डाल देना।
बिना बेहोश किये शरीर की चीर फाड़ करना और एक एक कर अंगों को शरीर से अलग कर देना।
इनकी बर्बरता की कहानी जाननी हो तो विकिपीडिया से
द नानकिंग रेप बाई जापानी आर्मी
यूनिट731 एक्सपेरिमेंट बाई जापानी आर्मी
कम्फर्ट वीमेन बाई जापानी आर्मी
इन तीन के बारे में पड़ने से ही आपको पता लग जायेगा कि शालीन और शांत दिखने वाले जापान का सैन्य इतिहास कितना बर्बर रहा हैं।
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