Saturday, October 10, 2020

प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली

 

हमेशा निरोगी बने रहने के लिए किन प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

हमेशा निरोगी बने रहने के लिए निम्न प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए -

पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!

सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!! 1!!

*धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!*

दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!! 2!!

*ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!*

कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!! 3।।

*प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!*

बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!! 4!!

*ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!*

करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!! 5!!

*भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!*

चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!! 6!!

*प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!*

सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!! 7!!

*प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!* तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!! 8!!

*भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!*

डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !! 9!!

*घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!*

एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!! 10!!

*अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!*

पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!! 11!!

*रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!*

सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!! 12!!

*सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!*

भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!! 13!!

*देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!*

अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल !!14!

*दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!*

बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!! 15!!

*सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!*

दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!! 16!!

*भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!*

पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!,17!!

*अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!*

यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल! 18!!

*पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!*

श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!! 19!!

*अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!*

आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!!20!!

*फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!*

ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!21!!

*चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!*

गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!22!!

*रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!*

बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!23!!

*भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान!*

पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!24!!

*लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!*

तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!25!!

*चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !*

ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!26!!

*सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!*

अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!27!!

*सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!*

घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!28!!

*हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!*

सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!29!!

*अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!*

नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!20!!

*तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!*

मिट जाते हर उम्र में,तन में सारे रोग।21!!

स्त्रोत-

प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली

हिन्दू जागृति समिति

क्रमांक संख्या०५

1 comment:

  1. अत्यंत उपयोगी दोहावली । हार्दिक आभार ।

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