मधुमेह का कम होना संभव है? अगर हाँ तो कैसे?
मधुमेह आज एक आम बीमारी बनती जा रही है, और बहुत सारे लोग इससे ग्रसित हो रहे हैं।
पहले देखते हैं कि मधुमेह क्या है?
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है, जब इंसान के शरीर के रक्त में शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है ।
ग्लूकोज ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है और यह खाए गए भोजन से आता है। इंसुलिन, एक हार्मोन है, जो किसी इंसान के शरीर में स्थित पैन्क्रियाज द्वारा बनाया जाता है।
इन्सुलिन, भोजन से बने ग्लूकोज को शरीर की कोशिकाओं में ऊर्जा के रूप में पहुँचाने में मदद करता है।
कभी-कभी पैन्क्रियाज पर्याप्त इन्सुलिन नहीं बनाता है, तब ग्लूकोज शरीर के रक्त में ही रह जाता है और कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता है। इस वजह से शरीर में शुगर का लेवल बढ़ जाता है और मधुमेह की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
मधुमेह दो तरह का होता है।
टाइप -1 डायबिटीज़ या इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज़ मेलिटस, इसी को जुवेनाइल डायबिटीज़ भी कहते हैं। यह अधिकांश बच्चों में पाया जाता है।
टाइप -1 मधुमेह वाले मरीज का मघुमेह कम नहीं किया जा सकता है क्योंकि ऐसे लोगों के शरीर में पैन्क्रियाज, इन्सुलिन नामक हार्मोन नहीं बनाता है, इसलिए इन्हें हमेशा बाहर से इन्सुलिन लेने की जरुरत होती है।
टाइप -2 डायबिटीज़ या नॉन इन्सुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज़।
टाइप -2 वाले मधुमेह रोगी का मधुमेह कम होने के या रिवर्स होने की संभावनाएँ प्रबल होती हैं।
किन लोगों का मधुमेह कम किया जा सकता है, आइए यह देखते हैं?
1 प्रीडायबिटिज लोगों का - जिन लोगों का HbA1c स्तर 6.4 से ज्यादा न हो उनका मधुमेह रिवर्स हो सकता है।
उच्च एचबीए 1 सी मधुमेह से संबंधित जटिलताओं जैसे कि स्ट्रोक, हृदय और गुर्दे की बीमारी, आंखों की रोशनी कम होना के बीच एक सिद्ध लिंक है।
HbA1c स्तर जितना नियंत्रित होगा, इन जटिलताओं के विकसित होने की संभावना उतनी ही कम होगी।
ऐसे लोगों का मधुमेह नियंत्रित हो सकता है। उसके लिए कुछ बातों का जानना जरुरी है।
- यह जानना जरुरी है कि डायबिटीज कितना पुराना है। मधुमेह होने की अवधि कितनी है।
- अगर यह पाँच साल या उससे कम है तो खान-पान संबंधी बदलाव, व्यायाम और वजन कम करने (जिनका वजन ज्यादा है) से बहुत हद तक मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है और बिना दवाई के आप मधुमेह को नियंत्रित रख सकते हैं।
- क्योंकि जैसे- जैसे मधुमेह पुराना होता जाएगा पैन्कियाज से इन्सुलिन बनने की मात्रा कम होती जाएगी।
- डायबिटीज एक प्रोग्रेसिव डिसऑर्डर है जो शरीर में धीरे- धीरे विकसित होता है।
तो समय अवधि बहुत मायने रखती है। पाँच साल या उससे कम समय से किसी को डायबिटीज है और प्रीडायबिटिज स्टेज में हैं तो उपर्युक्त लिखे उपायों द्वारा उनका शुगर कम किया जा सकता है।
2. जिनकी फैमिली हिस्ट्री में मधुमेह न हो - जिन लोगों के परिवार में माता, पिता, दादा जी किसी को मधुमेह है तो उनमें मधुमेह वंशानुगत रूप से आ सकता हैं।
किसी को परिवार में मधुमेह न हो।
लेकिन जिनके परिवार में किसी को मधुमेह नहीं है, तो ऐसे लोगों में मधुमेह कम होने की बहुत संभावना है क्योंकि यह उनके स्वयं के शरीर का डिसऑर्डर है, जिसे समय रहते आसानी से कम किया जा सकता है।
3 स्टेरॉयड दवाइयों का सेवन न करते हों - कई बार मधुमेह किसी अन्य खाई जाने वाली दवाइयों के कारण भी नियंत्रण से बाहर हो जाता है।
स्टेरॉयड दवा नहीं लेना है।
मधुमेह के कारण जोड़ों में दर्द या त्वचा की बीमारी भी होने लगती है। जब भी किसी ऑर्थोपेडिक डॉक्टर ( हड्डी के दर्द के डॉक्टर) के पास जाने की नौबत आए तो उन्हें डायबिटीज के बारे में बताना जरुरी है ताकि वो आपको स्टेरॉयड दवा न दें।
हड्डी की बीमारी में स्टेरॉयड दवा नहीं लेना है।
यह मधुमेह को कम करने की बजाय मधुमेह को बढ़ाता है।
अत: ऐसे दवाइयों से दूरी बनाकर ही मधुमेह को कम किया जा बनता है।
4 तनाव से दूरी बनाए रखें - आज के समय में तनाव किसे नहीं है? कारण कई हो सकते हैं। पारिवारिक, व्यक्तिगत, काम से सबंधी, पैसों से संबंधी, कई वजह होती है, जिसके प्रतिकूल रहने से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
अगर तनाव पर काबू पा सकें तो मधुमेह को बहुत हद तक नियंत्रण में लाया जा सकता है।
इसके लिए तेज गति वाले डांस, तेज गति से दौड़ना बहुत लाभदायक होगा।
इसमें सबसे ज्यादा फायदा युवाओं को हो सकता है।
5. कम उम्र के लोगों में मधुमेह रिवर्स होना आसान है- उम्रदराज लोगों की अपेक्षा कम उम्र के लोग अपना मधुमेह आसानी से कम कर सकते हैं क्योंकि वो औरों की अपेक्षा अधिक व्यायाम कर सकते हैं।
अब यह देखना है कि मधुमेह कम करने के लिए किस तरह से सही प्रयास की जरुरत है?
इन्ही तीन चीजों पर मेहनत करनी है।
सही डायट प्लान - एक सामान्य इंसान को पूरे दिनभर में 2000 कैलोरी की जरुरत है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, बसा, प्रोटीन, आयरन तथा अन्य सभी जरुरी चीजें शामिल होनी चाहिए।
इसके लिए करना यह है कि ऐसा डायट प्लान करना चाहिए जिसमें 2000 की जगह 1700 ले 1800 कैलोरी के अंदर सभी चीजों का समावेश हो सके।
मतलब 200 से 300 कैलोरी कम करना है। कई सारे डायट प्लान ऐसे होते हैं, जिसे कोई भी लगातार नहीं कर सकता है, लेकिन इसे अपनाना संभव है। इससे शरीर के अंदर इनटेक कम होगा तो मधुमेह घटाने में मदद मिल सकती है।
किसी भी डायटिशियन की मदद ली जा सकती है कि एक अच्छा डायट प्लान क्या होगा?
सही व्यायाम - सप्ताह में पाँच दिनों तक 30 मिनट की वॉक मधुमेह को आसानी से घटाने में मदद करती है।
वजन कम करना - जिनका वजन ज्यादा है, उन्हें अपना वजन कम करके मधुमेह रिवर्स करने में सफलता मिल सकती है।
भले ही कोई अपने आइडियल वजन को मेंटेन न कर सके, लेकिन वजन कम करने का प्रयास करते रहना जरुरी है।
इसके लिए जरुरी है कि शरीर में भोजन के रूप में जितना कैलोरी अंदर जाता है उससे ज्यादा कैलोरी व्यायाम, कसरत, योगा, डाँस या अन्य तरीकों से बाहर निकलना चाहिए। [1]
ये सारे तरीके अपनाकर मधुमेह को कम किया जा सकता है।
बाकी कुछ घरेलू उपाय जैसे :-
- मेथी फुलाकर उसका पानी पीना,
- करेले का जूस पीना
- फल में जामुन और अमरुद खाना
- कम तेल घी की चीजें खाना
- कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सीमित रखना,
ये सारे प्रयास किए जा सकते हैं।
BY Sangeeta Mehta
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