Monday, February 8, 2021

आयुर्वेदिक दवा- साइड इफ़ेक्ट

 

क्या आयुर्वेदिक दवा से कोई साइड इफ़ेक्ट होता है, विस्तार से बतायेंगे?

नमस्कार।आप ने प्रश्न किया है कि क्या आयुर्वेदिक दवा से कोई साइड इफ़ेक्ट होता है, विस्तार से बतायेंगे?

आपने बहुत अच्छा सवाल किया है इस से कई लोगों को फायदा होगा। अकसर हमने लोगो को ये ही कहते सुना है कि आयुर्वेदिक दवाओं के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं और वे खुदहीआयुर्वेदिक दवाओं को खरीद कर इलाज शुरु कर देते हैं। उन्हें आयुर्वेदिक दवा कि सही मात्रा का ज्ञान नहीं होता, कई बार शुरू में दवा बहुत अच्छा प्रभाव दिखाती है परन्तु बाद में उसके साइड इफेक्ट नजर आने लगते हैं l जब कि ये बात सब को पता है कि आयुर्वेद वात, पित्त और कफ के सिद्धांत पर आधारित है । एक आयुर्वेदिक औषधि प्रत्येक मनुष्य के लिए लाभप्रद नहीं हो सकती । आगे मै आपको उदहारण से समझाती हूं---

करेला का सेवनआयुर्वेद में बहुत अच्छा माना जाता है । लेकिन ये सब जानते हैं कि करेला ज्यादा सेवन करने से पाचनतंत्र खराब हो जाता है और एलर्जी कि समस्या हो जाती है, करेले के ज्यादा सेवन से पित्त के रोगी को नुकसान होता है ।

इसी प्रकार दालचीनी जो हमारे किचन के मसालों में प्रयोग कि जाती है उसे भी हम कई प्रकार कि समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयोग में लाते हैं, जैसे चाहे वजन नियंत्रित करना हो या पाचन तंत्र ठीक करना हो या डायबिटीज़ को नियंत्रित करना हो,पर क्या आप जानते हैं कि अगर ज्यादा मात्रा में सेवन करें तो यह हमारे लिवर को खराब कर सकती है, पित्त को बहुत बड़ा देती है तथा मुंह में छाले भी ही जाते हैं।

ऐसे ही मेथीदना हमारी सेहत के लिए अमृत से कम नहीं है।मेथी दाना हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ तथा पेट सम्बन्धी समस्याओं में फायदेमंद होता है। लेकिन ये ज्यादा मात्रा में सेवन करने में पित्त को बड़ा देती है ,गैस करती है, दस्त और खून पतला कर देती है।

कई दवा को भिन्न भिन्न अनुपान से लेने से अलग अलग प्रकार से फायदा होता है। कोई दवा हमें सवेरे लेनी होती है, कोई खाली पेट,कोई दिन में, कोई खाना खाने के बीच में ऐसे अलग अलग समय से हमें दवा अलग अलग असर करती है।

आयुर्वेदिक दवा जैसे गोली ,चूर्ण ,पिष्टी तथा भस्म आसव आरिष्ट इन सब का बहुत ध्यान से सावधानी से किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक कि देख रेख में प्रयोग करना चाहिए।

with thanks Seema Sharma

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