20 वर्षों से डायबिटीज झेल रहीं 65
वर्षीय महिला जो दिन में दो बार इन्सुलिन लेने को विवश थीं, आज इस रोग से पूर्णतः
मुक्त होकर सामान्य सम्पूर्ण आहार ले रही हैं | जी हाँ मिठाई
भी | डाक्टरों ने उस महिला को इन्सुलिन और अन्य ब्लड सुगर
कंट्रोल करने वाली दवाइयां भी बंद करने की सलाह दी है | और
एक ख़ास बात | चूंकि केवल दो सप्ताह चलने वाला यह उपचार
पूर्णतः प्राकृतिक तत्वों से घर में ही निर्मित होगा, अतः
इसके कोई दुष्प्रभाव होने की रत्ती भर भी संभावना नहीं है | मुम्बई
के किडनी विशेषज्ञ डा. टोनी अलमैदा ने दृढ़ता और धैर्य के साथ इस औषधि के व्यापक
प्रयोग किये हैं तथा इसे आश्चर्यजनक माना है | अतः आग्रह है
कि इस उपयोगी उपचार को अधिक से अधिक प्रचारित करें, जिससे
अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें | देखिये कितना आसान है
इस औषधि को घर में ही निर्मित करना | आवश्यक वस्तुएं– > 1 – गेंहू का आटा 100 gm. > 2 – वृक्ष से निकली गोंद
100 gm. > 3 - जौ 100 gm. > 4 - कलुन्जी 100 gm. > निर्माण विधि- उपरोक्त सभी सामग्री को ५ कप पानी में रखें | आग पर इन्हें १० मिनिट उबालें | इसे स्वयं ठंडा होने
दें | ठंडा होने पर इसे छानकर पानी को किसी बोतल या जग में
सुरक्षित रख दें | > उपयोग विधि-
सात दिन तक एक छोटा कप पानी प्रतिदिन सुबह खाली पेट लेना | अगले
सप्ताह एक दिन छोड़कर इसी प्रकार सुबह खाली पेट पानी लेना | मात्र
दो सप्ताह के इस प्रयोग के बाद आश्चर्यजनक रूप से आप पायेंगे कि आप सामान्य हो
चुके हैं और बिना किसी समस्या के अपना नियमित सामान्य भोजन ले सकते हैं | जिस किसी के पेरेंट्स को प्रॉब्लम हो उपयोग करे आगे फॉरवर्ड करे साभार - Dr.
Sanjeev Agarwal, Meerat City (U.P.) 09412835222
असफलता या रोग का भय, ऐसे विचारों को चेतन मन की ओर तब तक मोड़ने से विकसित होता है, जब तक कि वे अवचेतन मन में और अन्ततः अधिचेतन मन में अपनी जड़ें स्थपित न कर लें। तब अधिचेतन रूप में और अवचेतन रूप में स्थपित भय अंकुरित होना और चेतन मन को भय रूपी पौधों से भरना आरम्भ कर देता है जिनको नष्ट करना आसान नहीं होता जितना मूल विचारों को नष्ट करना ; और ये पौधे अन्ततः विषले, मृत्युकारक फल उत्पन्न करते हैं।
साहस पर सशक्त एकाग्रता से, और अपनी चेतना को भीतर स्थित इश्वर की पूर्ण शक्ति पर स्थानान्तरित करें, उन्हें भीतर से जड़ समेंत उखड़ फेंकें।
आप जिस वस्तु से भयभीत हैं, अपने मन को उससे दूर ले जाएॅं और उसे ईश्वर पर छोड़ दें। प्रभु में विश्वास रखें। बहुत सा कष्ट केवल चिन्ता के कारण होता है। अभी कष्ट क्यों भोगें जबकि अभी रोग आया ही नहीं है| क्योंकि हमारी अधिकाॅंश बीमारियाॅं भय के कारण आती हैं, इसलिए यदि आप भय छोड़ दें तो आप तुरन्त रोग से मुक्त हो जाएॅंऐं। सवास्थ्य लाभ तुरन्त हो जाएगा। प्रत्येक रात्रि को, सोने से पहले प्रतिज्ञापन करें मेरे गुरुदेव मेरे साथ हैं, मैं सुरक्षित हूॅं। आप गुरुवर की अद्भुत सुरक्षा का अनुभव करेंगे।
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