"The fruits of discipleship blossom not in the silver vases, but in the blood-red grounds of sacrifices and offerings."
पास में कुछ भी न रहे, साथ कोई भी न दे, तो भी आशा बनायें रहें| आज का दिन उदासी भरा है तो भी यह आशा रहनी चाहिए कि कल नहीं तो परसों का दिन तो अवश्य उत्साहवर्धक होगा|
एक ही मक्खी दूध में पहुँच कर उसे अभक्ष्य बना देती है| एक ही दुर्गुण मनुष्य की अनेक विशेषताओ को नष्ट कर देता है|
कार्य कभी कारणरहित नहीं होते, क्रिया कोई परिणामरहित नहीं होती|
उसी तरह भाग्य कभी अपने आप नहीं बनता बल्कि व्यक्ति के कार्यों की कलम इसे लिखती है|
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