Sunday, February 3, 2013

सनातन धर्म का प्रसाद: द्वितीय संस्करण


ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेनयं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात ।।
1.  क्या आप सनातन धर्म के रहस्यों को समझकर धर्म सम्बन्धी अपनी उलझनों को दूर करना चाहते है?
2.  क्या आप सनातन धर्म का पूर्ण वज्ञानिक व तर्क सम्मत प्रतिपादन पढ़ना चाहते है?
3.  क्या आप धर्म, अध्यात्म, योगसाधना, कुण्डलिनी जागरण, प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद पर वज्ञानिक दृष्टिकोण से किए गए प्रयोगों को जानना चाहते है?
4.  क्या आप हिमालय के ऋषियों का सन्देश सुनना चाहते है?
5.  क्या आप इस राष्ट को जगतगुरु/विस्वामित्र बनाना चाहते है?
6.  क्या आप इस राष्ट को जगतगुरु/विस्वामित्र बनाना चाहते है?
7.  क्या आप योग की उच्चस्तरीय स्थिति को पाना चाहते है व भोगो की अतृप्ति से भी बचना चाहते है?
8.  क्या आप मोक्ष प्राप्त करना चाहते है?
9.  क्या आप अपने व्यक्तित्व का विकास कर अपनी प्रतिभा को बढ़ाना चाहते है?
10. क्या आप एक निरोग, दीर्घजीवी व प्राणवान जीवन जीना चाहते है?
11. क्या आप प्रभु को समर्पित होकर मानव की सेवा कर अपना जीवन सार्थक करना चाहते है?
12. क्या आप अपना भविष्य उज्जवल बनाना चाहते है?
13. क्या आप अपने जीवन में रोगों, कष्टों, दुर्घटनाओं, निर्धनता से तंग आ चुके हैं?
14. क्या आप अपने जीवन के दुखों समस्याओं से परित्राण पाकर सुख शान्ति का जीवन यापन करना चाहते हैं?
यदि हाँ
उपरोक्त 14 प्रश्नों में से प्रत्येक का विस्तृत विवरण जानने के लिए पढ़िए पुस्तक
सनातन धर्म का प्रसाद
इस राष्ट्र से अज्ञानता मिटाने को, इस राष्ट्र से धर्मान्धता मिटाने को।
दे हमें शक्ति अपार, दे हमें भक्ति अपार।।
To get the printed copy of the book by post, contact on mail (rkavishwamitra@gmail.com). Cost is Rs 100 only, including postal charges in India.    
(सनातन धर्म का महत्व एंव सिद्धान्तों को समझने के लिए पढ़ें पुस्तक - सनातन धर्म का प्रसाद)
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