मार्टिन लूथर इसाई धर्म के प्रसिद्ध संत एवं विचारक हुए हैं। जब उन्होंने कुछ प्रचलित रुढीवादी मान्यताओं के विरूद्ध आवाज उठाई तो कुछ पुरातनपंथियों ने न केवल उनका विरोध करना शुरू किया, बल्कि उनको व उनके सहयोगीयों को भाँति -भाँति से प्रताडित करना भी प्रारंभ कर दिया। इस सब से दुखी होकर उनके एक शिष्य ने उनसे एक दिन कहा-’’अब बहुत हो चुका! आपकी प्रार्थना तो भगवान सुनते हैं, आप उनसे इन दुष्टो की मृत्यु का आशीर्वाद माँग लीलिए। ‘‘माटिर्न लूथर बोले-’’ यदि मैं भी ऐसी कामना करूँ तो मुझमें और इन नासमझों में क्या अंतर रह जाएगा? ‘‘ उनका शिष्य पुन: बोला-’’ पर आप इन जल्लादों की प्रवृति तो देखिए। ये आप जैसे संत, दयालु और परोपकारी के साथ कैसा दुव्यर्वहार करते हैं? माटिर्न लूथर बोले-’’ इनके और मेरे कार्मों का हिसाब उसे ही रखने दो, जिसने यह दुनियाँ बनाई है। हमारा कार्य है राग व द्वेश से मुक्त होकर शुभ व श्रेष्ट कार्मों को करना। धर्म की राह पर चलने वाला अंतत: विजयी ही होता है।’’ यह सुन उनके शिष्य का माथा स्वत: ही उनके चरणों में झुक गया।
Martin Luther king was a BLACK LEADER of USA...HE WAS NOT A SAINT...YOUR FACTS R DISTORTED and WRONG....Please don't spread such LIES
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