-भगवान देवात्मा
यह सही है कि इंसान को गुस्सा नहीं
करना चाहिए पर जो इंसान ज्यादा गुस्सा करते है वो प्यार भी उतना अधिक करते है।
क्योकि लाल रंग गुस्से व खतरे का प्रतीक है तो गुलाब के समान गहरे प्यार की भी
निशानी है।
मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके इतना
नहीं थकता, जितना क्रोध या चिंता से एक घंटे में
थक जाता हैं।
देववाणी के साथ जुड़ने के बाद कोई आत्मा जहाँ तक उच्च प्रभावों को ग्रहण करता है , वहाँ तक उसके भीतर वह नई ज्योति प्रकट होती है कि जिससे वह आत्मिक जीवन की असलियत और उसके नियमों को ज्यादा से ज्यादा देखने और पहचानने के योग्य बनता जाता है !
कितना कम जानते हैं हम क्या है ! और उससे भी कितना कम जानते हैं हम कि हम क्या हो सकते हैं !
- बायरन
हम नेचर में कोई क्रिया करके उसके फल से बच नहीं सकते ! यह फल दो ही प्रकार के हो सकते हैं, शुभकर या अशुभकर ! -भगवान देवात्मा
देववाणी के साथ जुड़ने के बाद कोई आत्मा जहाँ तक उच्च प्रभावों को ग्रहण करता है , वहाँ तक उसके भीतर वह नई ज्योति प्रकट होती है कि जिससे वह आत्मिक जीवन की असलियत और उसके नियमों को ज्यादा से ज्यादा देखने और पहचानने के योग्य बनता जाता है !
कितना कम जानते हैं हम क्या है ! और उससे भी कितना कम जानते हैं हम कि हम क्या हो सकते हैं !
- बायरन
हम नेचर में कोई क्रिया करके उसके फल से बच नहीं सकते ! यह फल दो ही प्रकार के हो सकते हैं, शुभकर या अशुभकर ! -भगवान देवात्मा
जिन्दगी में मुश्किले तमाम हैं, फिर भी इन होंठो पर मुस्कान हैं।
क्योकिं जीना जब हर हाल में हैं, तो फिर मुस्कुराकर ही जीने में क्या
नुकसान हैं।।
खुबसूरत तस्वीरे नेगेटिव से तैयार होती
हैं और वो भी अँधेरे कमरे में; इसलिए
जब भी आपके जीवन में अंधकार नज़र आए, तो
समझ लीजिएगा कि ईश्वर आपके भविष्य की सुन्दर सी तस्वीर का निर्माण कर रहा हैं।
FEAR
Forget
Everything And Run
or
Face
Everything And Rise
The
choice is Yours!
अहंकार हमारे उत्थान में बडी दीवार खडी
कर देता है। सेवा भाव का अभ्यास करते रहने से इसकी अंतर से कटौति होती चली जाती
हैं।
दण्ड देने का अधिकार उसे है, जो प्रेम करता हैं।
विनयी व्यक्ति खुद ही नहीं झुकता, बल्कि संसार को भी झुका लेता हैं, जो झुकना जानता हैं, दुनिया उसे उठाती हैं।
विनयी व्यक्ति खुद ही नहीं झुकता, बल्कि संसार को भी झुका लेता हैं, जो झुकना जानता हैं, दुनिया उसे उठाती हैं।
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