Monday, April 22, 2013

पाँच प्रकार के मनुष्य (मनुष्य का वर्गीकरण)



1 नर पशु- पशु पेट प्रजनन को लेकर आपस में लड़ते है। यह उनकी मजबूरी है। मानवों में भी यह दुर्गुण पाया जाता है। एक दूसरे को धकेलकर महत्वपूर्ण पदों को पाना बहुत से मानवों के स्वभाव में शामिल हैं। अपने-अपने स्वार्थो के लिए दूसरों को नीचा दिखाना, नीचे गिराना, यह सब नर पशु की श्रेणी में आते है।
2 नर कीटक- कीट पंतगे दीपक की लौ पर जलते है, क्योंकि वो विवेकहीन होते है। इसी प्रकार विवेकहीन, व्यक्ति क्षुद्र वासनाओं के आगे घुटने टेक देते हैं। बीड़ी, सिगरेट, शराब जीभ के स्वाद में शरीर को रोगी बना डालते है, विपरीत लिंग को देखते ही कामुक आचरण अथवा कामुकता को अपने उपर हावी होने देते है इस आग में खुद को जला डालते है। इन्हें नर कीटक कहा जाता है। सड़कों पर शराब पीकर गिरे पड़े है, नाली में कीचड़ में पड़े दुर्गुति झेल रहे है।
3 नर पिशाच-दूसरों को तड़पता देख अथवा दुखी देख जिन्हें प्रसन्नता हो उन्हें नर पिशाच कहते है। कुछ समय पहले अमेरिका के न्युयार्क शहर में एक महिला ने एक पुरूष की हत्या ट्रेन के सामने धकलेकर कर दी। पकड़े जाने पर उसने अदालत में बिना कोर्इ अफसोस जताए कहा कि मैंने सोचा पुरूष को ट्रेन के आगे धकेल देना, उसे मरते-तड़फते हुए देखना बड़ा सुखद सुकून भरा अनुभव होगा। अपना यह बयान देकर वह जोर से हँसी और बोली, सचमुच ही बड़ा मजा आया मुझे। यह पाशविक बर्बरता, क्रूरता नर-पिशाचों के द्वारा ही फैलायी जाती है।
4 नर मानव-जिनमें जीवन मूल्यों का महत्व हो, अपने हित समाज हित के लिए सोच रखते हो। धर्म कर्म, नीति, अनुशासन पर चलने वालो को नर मानव कहा जाता है।
5 देव मान-

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