Monday, November 12, 2012

सब्र सिखाता है बांस!




कहते है -सब्र का फल मिठा होता है। आप लोग सोच रहे होगें कि इतनी पुरानी बात जो सालों से बड़े-बुजुर्ग आपको  बताते रहे है वही बात हम आपको क्यों बता रहे है? असल में आज की प्रेरणा के तहत हम आपसे जानना चाहते हैं कि क्या कभी आपको यह अहसास हुआ है कि सचमुच सब्र का फल मिठा होता है। कभी किसी विशेष वस्तु के लिए आपने शांत मन से इंतजार किया हो और वह पूरा हुआ हो।
आपके लिए एक सवाल और है -क्या कभी आपने ‘‘ चायनीज बैम्बू’’ यानी बांस के बारे में सुना है? इस पेड़ के किस्से बड़े-बड़े सेमिनार में भी सुनाए जाते है।
इस पेड़ को लगाने के लिए सही जगह का चुनाव करना पड़ता है, उपयुक्त खाद का इस्तेमाल करना पड़ता है। बीज डालने के बाद, निश्चित अंतराल में पानी डालना पड़ता है। और आखिरी काम बचता है- इंतजार, इंतजार और इंतजार। कई महीनों तक कली, अंकुर, कुछ भी नहीं। कई लोग इस पौधो को लगाने से पहले आपसे कहेंगे कि यह पेड़ बनने में कुछ समय लगाएगा, पर कितना यह आप नहीं जानते। आपको सिर्फ इसे पेड़ बनते देखने का इंतजार है। और आप इसी उम्मीद में मेहनत किए जा रहे है। पहला साल तो ऐसे ही निकल जाएगा, आप इसे पानी देगें और इसके बड़े होने की कल्पना करेंगे। आपकी मेहनत का फल आपको नजर आएगा सिर्फ एक कोपल या कुछ पत्तों के रूप में।  जो जमीन के उपर आकर शायद आपको अपने होने का एहसास कराएगी। और इसी तरह एक साल बीत जाएगा। लेकिन दूसरे साल भी विकास होने पर आप उदास हो जाएगें। साल भर की मेहनत और कोई विकास नहीं? शायद आप भी उन लोगों में से हो जो आसानी से हार नहीं मानते। दूसरे साल भी आपने बिना निराश हुए इंतजार किया। तीसरे साल की शुरूवात तक हो सकता है कि आपका भी मनोबल डगमगाने लगे। पूरे दो साल होने के बाद भी कोई असर नहीं? शायद जमीन के अंदर कोपल से बतियाने भी लगे आप! ‘‘ क्यों तुम एक पौधा नहीं बन रहे? तीसरा साल के शुरू होते ही बांस के पेड़ देखने की चाहत त्यागने लगे हों। काश! कोई और बीज डालने पर परिणाम बेहतर होता। अब उससे अपना विश्वास भी खोने लगें शायद! यूं ही चौथा साल भी शुरू हो जाएगा। पर हालात जस की तस है। निराशा गुस्से में परिवर्तित हो जाएगी और आप सोचेंगे बेवजह ही इस पर इतना वक्त बर्बाद किया। किस्मत ही खराब है मेरी। दोस्तों और परिवार में से किसी ने भी साथ नहीं दिया। एक दिन पूरे साठ महीनों बाद इंतजार की घड़िया खत्म हो जाएगी। साठ महीने यानी पांच साल के बाद जमीन से कुछ निकलता हुआ दिखाई देगा। आप खुश हो जाएंगे और अगले ही दिन आपको तीन से चार फीट बढ़ा हुआ नजर आएगा। कोई जादू होने लगा हो जैसे। और देखते ही देखते छह हफतो में यह लगभग 80 फीट लम्बा हो जाएगा।
अब, आपको क्या सोचना है? बांस का पेड़ छह हफतों में 80 फीट बड़ा हुआ? अगर हां तो दोबारा सोचिए। असल में यह पांच वर्षो में 80 फीट बढ़ा। गौर किया जाए तो पांच साल इसने बाहरी दुनिया को कोई खास कमाल करके नहीं दिखाया, पर अदंर ही अंदर जड़े जमाई। आपने सोचा कि ऐसा आपकी दुनिया में भी होता है? पढ़ाई का पूरा समय आपके लिए वहीं दौर है जहां जड़ें मजबूत करनी होती है। जितना आधार मजबूत होगा, उचांई हासिल करने में उतनी ही मदद मिलेगी।  
बांस सिखाता है!
·        नतीजे आज नहीं मिलते पहले आधार बना लें, फिर कद बढ़ाएं।
·        मेहनत जड़े मजबूत करने में लगाइए, उचांई पाने में ज्यादा कोशिश नहीं करनी पड़ेगी।

No comments:

Post a Comment