Friday, November 9, 2012

एनीमिया यानी खून की कमी



एक वयस्क व्यक्ति में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 13 या अधिक होना चाहिए। वयस्क स्त्री में 12 या इससे अधिक है तो स्वस्थ है। हीमोग्लोबिन का यह प्रतिशत 100 मि ली आर बी सी में है। हीमोग्लोबिन का अधिक बढ़ाना भी शरीर के लिए खतरनाक है। इससे खून में गाढ़ापन जाता है जिससे रक्त कहीं भी थक्के के रूप में जमा हो सकता है।
आहार ही उपचार-
एनीमिया पीड़ित रोगी का आहार ही उपचार है। ऐसे रोगी के आहार में लौह तत्त्व ( आयरन ) की अधिकता होनी चाहिए। एनीमिया या रक्ताल्पता के रोगी को अपने आहार में निम्न खाद्य पदार्थ का समावेश कर लेना चाहिए-
1-हरी पत्त्ोदार सब्जियाँ जैसे- मेथी, चौलार्इ, मूली के पत्त्ो, पुदीना इत्यादि में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
2-अंकुरित अनाज लगभग 60 गा्रम प्रतिदिन नाश्ते में या भोजन के साथ लें।
3-गुड़ में लौह तत्त्व पाया जाता है। खाने के बाद मिठार्इ की जगह गुड़ खाएँ।
4-रात्रि में भीगी हुर्इ अंजीर, किशकिश में आयरन खूब होता है।े
5-आयरन पाए जाने वाले खाद्य पदार्थो के साथ साइट्रिक एसिड युक्त पदार्थ नींबू, आँवला संतरे का प्रयोग जरूर करें। इससे शरीर में आयरन का अवशोषण अच्छी तरह हो जाता है।
6-लोहे की कढ़ार्इ में खाद्य पदार्थो का पकाने से उसमें आयरन की प्रतिशत बढ़ जाती है या जिन खाद्य पदार्थो में आयरन नहीं है, उनमें आयरन के गुण जाते है।
7-तिल में लौह तत्त्व प्रचुर मात्रा में होता है। सर्दी के दिनों में गुड़ तिल मिलाकर लड्डू बनाकर खाने से खून की कमी दूर होती है।
परहेज-
1- चाय का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। चाय का प्रयोग करने से शरीर आयरन का अवशोषण नहीं कर पाता।
2- आयरन युक्त कैप्सूल का प्रयोग कम करना चाहिए। इनके अधिक प्रयोग से शरीर के कुछ तत्त्वों में कमी जाती है।
                 डॉ विकास सक्सैना योग मंजरी से साभार

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