Wednesday, April 8, 2015

स्वस्थ भारत के लिए प्रार्थना

            हे सविता देव! मेरे देशवासियों को सद्ज्ञान, सद्भाव, सत्कर्म, स्वास्थ्य व सुसंस्कार प्रदान करें जिससे इस धरा पर सनातन धर्म की स्थापना हो सके।
            हे प्रभु! रोगी एवं पीडि़त मानवता के उद्धार के लिए आप हमें निरोग व दीर्घ जीवन प्रदान करें। हमें वह ज्ञान दे जिससे हम अपने स्वास्थ्य को उत्तम बना सकें व दूसरे बीमार लोगो में भी आशा की नई उम्मीदें जगा सकें। हे प्रभु! यह कार्य करते हुए हमारा सेवा का भाव सदा बना रहे, हममे लालच प्रवेश न करने पाए। हे प्रभु! यह कर्म करते हुए हमारी विनम्रता सदा बनी रहे जिससे हमारे भीतर अहं न आए और हमारा ज्ञान निरन्तर बढ़ता जाए।
            हे प्रभु! यदि हमें थोड़ी बहुत सफलता मिलती है तो हम अपने को बड़ा आदमी न मान बैठे। अपितु हर प्राणी में तेरी सूरत देखकर, नर सेवा-नारायण सेवा मानकर अपने को सौभाग्यशाली समझें। हे प्रभु! हमारे व्यक्तित्व को सदा ऊॅंचा बनाकर रखना जिससे छोटे-बड़े स्वार्थ, संकीर्ण मानसिकता से सदा दूर रहें। हे प्रभु! ऋषियों की आदर्श परम्परा के अनुरूप हम अपना जीवन यापन करें और अपने सांसारिक कर्तव्य पूर्ण करके ब्रह्मलोक को प्रयाण करें। हे प्रभु! मात्र आपकी कृपा के बिना, ऊर्जा, मार्गदर्शन, संरक्षण के बिना कुछ भी सम्भव नहीं हैं। इसलिए हे प्रभु!
            ‘नजरों से गिराना ना, चाहे कितनी भी सजा देना
            सदा आपकी आॅंखों के तारे बने रहें व आपकी दिव्य ज्योति सदा हमारे अन्तःकरण को प्रकाशित करती रहे, यही हमारी आपसे विनम्र प्रार्थना है।
            हे देव! स्वस्थ भारत अभियान के बिना युग निर्माण कैसे सम्भव हो पाएगा। स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि उन्हें लोहे की माॅंसपेशियों व फौलाद के स्नायु वाले युवकों की आवश्यकता है।
            दृढ़ इच्दा शक्ति व आत्मबल सम्पन्न महामानव बिना श्रेष्ठ स्वास्थ्य के कैसे उत्पन्न् हो सकते हैं। स्वस्थ भारत ही सतयुगी वातावरण व उज्ज्वल भविष्य का आधार है।

            हे भगवन्! अकेला व्यक्ति इस अभियान को कैसे गति दे पाएगा? कुछ दिव्य, समर्पित, प्रतिभावान आत्माएॅं एक साथ जोड़ जिससे हम सब मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाकर तेरी इच्छा पूरी कर सकें।

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