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सफ़ेद मुसली (क्लोरोफाइटम बोरिविलियनम) एक औषधी पौधा है जिसका आयुर्वेद में व्यापक रूप से उपयोग होता है l
सफ़ेद मुसली का अंग्रेजी नाम इंडियन स्पाइडर प्लांट है। भारत में राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में यह ज्यादा पायी जाती है l मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड ने इस जड़ी बूटी को संरक्षित और परिरक्षित करने वाले छठे सबसे मूल्यवान पौधे के रूप में पहचाना है।
सफ़ेद मुसली अल्कलॉइड, विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, स्टेरॉयड, सैपोनिन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फिनोल, रेजिन, म्यूसिलेज और पॉलीसैकराइड्स जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसके कारण यह अनेक रोगों की चिकित्सा में उपयोगी है l
इसके पत्तों का सब्जी के रूप में कई जगह सेवन होता है l मगर, औषधियों में इसके मूल का प्रयोग किया जाता है l खासकर, पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने के लिए इसका इस्तमाल होता है जिस कारण इसे, "इंडियन वियाग्रा" या "हर्बल वियाग्रा" कहा जाता है l लेकिन इसके साथ ही सफेद मूसली के अन्य कई फायदे है l
१. शारीरिक ऊर्जा बढ़ाए
इसमें मौजूद कई पोषक तत्वों के कारण सफेद मूसली शारीरिक शिथिलता को दूर करती है। शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने में यह बेहद लाभकारी है l
२. बढ़ाये रोग प्रतिकार शक्ति
यह एक शक्तिशाली ऊर्जावर्धक है जो शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) के कोशिकाओं को बढ़ाती है और क्रियाशील बनाने में मदत करती है l यह समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है और सामान्य कमजोरी को दूर करती है। जिससे रोगों से लड़ने में सहायता मिलती है l
३. इन्फेक्शन में है फायदेमंद
आयुर्वेद ने मौखिक संक्रमणों के इलाज में सफेद मूसली के बारे में बताया है। इसकी जड़ का पाउडर घी में भूनकर, गले और मुंह के संक्रमण को कम करने के लिए सेवन किया जाता है।
पेशाब में जलन होने पर तो सफेद मूसली की जड़ को पीसकर इलायची के साथ दूध में उबालकर पीना बेहद फायदेमंद होता है। दिन में दो बार इसे पीने से बहुत आराम होता है।
४. डायरिया
सफ़ेद मुसली के लाभों में से एक है दस्त और पेचिश जैसे पाचन संबंधी समस्यों में इसकी उपयोगिता। सफ़ेद मुसली के सेवन से इनसे प्रभावी रूप से निपटा जा सकता है।
५. डायबिटीज
सफ़ेद मुसली एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। यह इन्सुलिन का निर्माण बढ़ाती है और रक्त शर्करा के स्तर का नियंत्रित रखने में मदत करती है। हालांकि, आयुर्वेद के अनुसार, इस जड़ी बूटी का सेवन केवल पतले मधुमेह के रोगियों द्वारा किया जाना चाहिए।
६. संधिवात
सफ़ेद मुसली में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द, सूजन और गठिया के इलाज में बहुत प्रभावी होते हैं। यह श्लेष द्रव के उत्पादन को प्रभावित करता है और जोड़ों के क्षरण को रोकता है।
७. बॉडी बिल्डिंग
सफ़ेद मूसली में स्थित स्टेरॉइडल सैपोनिन्स तेजी से शरीर में अवशोषित होते हैं और टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाकर मांसपेशियों के निर्माण में सहायता करते हैं। व्यायाम से पहले सफेद मूसली की सूखी जड़ का पाउडर ३-५ ग्राम की मात्रा में या एक्सट्रेक्ट ५० -१०० मिलीग्राम की मात्रा में प्रतिदिन लेना मांसपेशियों के निर्माण प्रक्रिया में सुधार करने में फायदेमंद होता है |
८. पथरी यानि स्टोन
सफेद मूसली बहुत कारगर उपाय है। इसे इन्द्रायण की सूखी जड़ के साथ बराबर मात्रा (1-1 ग्राम) में पीसकर, एक गिलास पानी में डालकर खूब मिलाएं। इस मिश्रण को मरीज को हर दिन सुबह पिलाने से महज सात दिन में ही प्रभाव दिखता है।
९. स्तनपान कराने वाली माताओं की मदद करता है:
सफेद मूसली एक galactagogue के रूप में कार्य करता है। गन्ने, ब्राउन शुगर और जीरा के साथ मिश्रित होने पर, यह स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध की आपूर्ति को बढ़ाता है l
१०. इसके अलावा, बांझपन, शीघ्रपतन,शुक्राणुओं की कमी में यह अत्यंत लाभदायक है l
इसकी सामान्य मात्रा है ३-५ ग्राम खाली पेट या फिर खाने के २ घंटे बाद गर्म दूध के साथ दिन में २ बार l
ज्यादा मात्रा में खाने से यह पाचन संबंधित शिकायतें उत्पन्न कर सकती है l
Dr Vaidya (with thanks from Quora)
Fore more info read SWASTH BHARAT (part I and part II)
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