Monday, September 28, 2020

ज्यादा मोबाइल चलाना आंखों को कैसे नुकसान पहुंचाता है और इससे कैसे बचा जा सकता है?


• नेत्ररोग विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार मोबाइल स्क्रीन पर एकटक देखने से आंखों का ब्लिंकिंग रेट कम हो गया है। सामान्य तौर पर प्रति मिनट 12 से 14 बार आंखे ब्लिंकिंग करती हैं, लेकिन मोबाइल स्क्रीन पर बने रहने पर ब्लिंकिंग रेट छह से सात हो जाता है। इससे आंखों में ड्राइनेस बढ़ रही है और आंखें कमजोर हो रही हैं।

• रेटिना पर अटैक

रात में जब आप अपना फोन यूज़ करते हैं, तो उससे निकलनेवाली लाइट सीधे रेटिना पर असर करती है. इससे आपकी आंखें जल्दी ख़राब होने लगती हैं. देखने की क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है

• क्या आप जानते हैं कि स्मार्टफोन हमेशा के लिए आंखों की रोशनी छीन सकता है? जी हां, कई शोधों में ये बात साबित हो चुकी है. फोन से निकलनेवाली ब्लू लाइट आंखों को पूरी तरह से डैमेज कर सकती है.

• जिस तरह से युवा स्मार्टफोन के आदि होते जा रह हैं ,हर वक्त फोन की ब्लू लाइट उनकी आंखों पर पड़ती हैं जो रेटिना के लिए बेहद नुकसानदेह है। मोबाइल की लाइट हमारे रेटिना को नुकसान पहुंचाती है और देखने की क्षमता को भी कम करती है।ब्लू लाइट आंखों के फोटोरिसेप्टर सेल्स में जहरीले रासायनिक मॉलिक्यूल को ट्रिगर करती है जो सेल को मार देते हैं।आंखों की इस समस्या को मैक्यूलर डिजनरेशन नाम की गंभीर बीमारी बताया गया है जिसका कोई इलाज भी नहीं है।

• स्मार्टफोन पर ज्यादा काम करने से आंखों में दर्द भी पैदा हो सकता है और आंखे खराब भी हो सकती है।

• स्मार्टफोन की स्क्रीन को ज्यादा देर और लगातार देखने के बाद रात को जब सोने जाते है तो नींद नहीं आती। इसके पीछे की वजह मेलाटोनिन है, स्मार्टफोन हानिकारक नीली रोशनी छोड़ता है जो आपके दिमाग को संकेत पहुँचाती है और यह मेलाटोनिन बनाना बंद कर देता है। मेलाटोनिन एक केमिकल होता है जो हमारे शरीर में बनता है और हमें सोने में मदद करता है।

मोबाइल से आंखों को बचाने के उपाय

• मोबाइल से निकलने वाली ब्लू रेज किरणे सबसे अधिक आंखों को प्रभावित करती है यदि आप दिन में औसतन 2 घंटे से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो सबसे पहले आपको इस ब्लू रेज से बचने का उपाय करना चाहिए सामान्य तौर पर इन नीली किरण से बचने के लिए बहुत से चश्मा बाजार में उपलब्ध है तो आप कोशिश करें कि आप भी मोबाइल ब्लू रेज प्रोटक्शन चश्मा लगाकर ही चलाएं खास करके रात के समय में वर्तमान समय में यह चश्मे आसानी से उपलब्ध है आप भी यह चश्मा ले ले ताकि आपकी आंखें नीली रोशनी से बस सके

• यदि संभव हो सके तो मोबाइल चलाते समय अपने पलकों को ज्यादा बार जब गए और ड्राइनेस या सूखापन महसूस होने पर आंखों को ठंडे पानी से धो लें और उसे थोड़ा आराम दे हर 40 मिनट मोबाइल चलाने के बाद 20 मिनट तक अपनी आंखों को बंद करके आराम दे ताकि उसके ड्राइनेस दूर हो जाए

• यदि फिर भी आंखों में दर्द हो तो आपको मोबाइल कम से कम चलाना चाहिए और गुलाब जल इत्यादि चीज की एक एक बूंद आंखों में रात को सोने से पहले डालते रहे

• मोबाइल को ज्यादा पास से ना देखें मोबाइल पर आंखों के बीच की न्यूनतम दूरी 25 सेंटीमीटर से अधिक रखें

• आंखों को ठंडे पानी से दिन में दो बार धोएं

• यहां से आप ब्लू रेज प्रोटेक्शन चश्मा देख सकते हैं जो मै बहुत दिनों से इस्तेमाल कर रहा हूं जिससे मेरी आंखों का दर्द बंद हुआ था


Kuber Dakad

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