Tuesday, August 12, 2014

हमेशा मुस्कुराते रहें!

            सी एक ऐसा शब्द है जिसके सुनने मात्र से ही हमारे चेहरे के भाव बदल जाते हैं और मन में उमंग पैदा होती है। वैसे तो हमें ईश्वर से कुछ प्राप्त करने के लिए तरह-तरह के उपाय जैसे- यज्ञतपस्याध्यानसमाधि आदि का सहारा लेना पड़ता हैपर एक ऐसा वरदानजिसे ईश्वर ने हमें जन्म के साथ ही दिया है और जिसका उपयोग करके हम कठिन से कठिन परिस्थितियोंसमस्याओं से मुक्ति पा सकते हैंउसका हमने उपयोग करना छोड़ दिया या हम उसे भूल गये। उस वरदान का नाम है सी। हसी एक ऐसी स्वाभाविक प्र￘िया है जिससे शरीर की सभी प्रणालिया एक साथ प्रभाव में आती हैं। इसके साथ-साथसने से हमारे फेफड़ों में आॅक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ती है व बन्द छि खुलते हैंरक्त भ्रमण व रक्त शोधन तीव्र होता है और चेहरे पर हसी लिए हुए व्यक्ति स्वतः ही सुन्दर लगता है यानि काम एकलाभ अनेक। इसलिए किसी ने क्या खूब कहा है कि ￟होठों पर मुस्कानहर मुश्किल आसान।
            यह एक विडम्बना ही है कि वैसे तो हम दावा करते हैं बड़े से बड़े कार्य करने काᅤᄀची से ᅤᄀची सफलता प्राप्त करने कापर इन सबकी दौड़ में हम हसना भूल गएजिसकी वजह से हम तरह-तरह के शारीरिकमानसिक रोगों में प्राप्त में फसते जा रहे हैं। खुशी की तलाश में हम खुशी से दूर हो गएढूढ़ने चले थे जिन्दगी और जिन्दगी से दूर हो गए। हसने से हमारे मस्तिष्क की 72,000 प्रणिक नस-नाडि़या एक साथ प्रभावित होती हैं तथा हारमोन्स संतुलित बनते हैंहमारी कार्यक्षमता व निर्णय लेने की क्षमता का भी विकास होता है। तो हम क्यों न इस ईश्वरीय देन का अधिक से अधिक उपयोग करलाभ उठाए
            शुरू-शुरू में हमें कोई भी कार्य करने के लिए प्रयास करना पड़ता हैपर धीरे-धीरे जैसे-जैसे हम अभ्यास करते हैं तो वही चीज हमारे स्वभाव में आ जाती है और फिर बिना प्रयास के ही स्वाभाविक रूप से हमें उसका लाभ मिलना प्रारम्भ हो जाता है। सदा प्रसन्न रहना भी ईश्वर की भक्ति है। ईश्वर आप से खुश रहता है जब आप हसते हैं। पर तब और भी ज्यादा प्रसन्न होता है जब आप किसी को हसाते हैं।
किसी ने सत्य कहा है -
गिले शिकवे न कभी दिल से लगा लेना
कभी मान जानाकभी मनालेना
कल का क्या भरोसा हम हों न हों

इसीलिए जब भी वक्त मिले,
थोड़ा हस लेनाथोड़ा हसा लेना

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