ग्रीष्म ऋतु के कुछ विशेष प्रयोग
(1) भुने हुए जौ के सत्तू को शीतल जल में
घी व मिश्री के साथ मिलाकर पीने से शारिरीक दुर्बलता, रूक्षता व जलीय अंश की कमी पूरी होती
है।
(2) गुड़ को एक घंटा पानी में भिगोकर पीने
से गर्मी के प्रतिकार की क्षमता बढ़ती है।
(3) कच्चे आम का पना, नींबू-मिश्री शरबत, हरे नारियल का पानी, ताजे फल, ठंडाई, जीरे की शिकंजी, गुलंकद, दूध चावल की खीर आदि का सेवन सूर्य की अत्यंत उष्ण किरणों से शरीर की
रक्षा करता है।
(4) हरड़ चूर्ण व गुड़ समभाग मिलाकर लेने
से वात व पित्त का प्रकोप नहीं होता।
(5) रात का रखा हुआ पानी सूर्योदय से पूर्व
पीने से लू लगने की सम्भावना कम हो जाती है, बाकी अपनी सावधानी रखना जरूरी है।
(6) अम्लपित्त के कारण होने वाले दाह और
प्यास के शमन हेतु आँवला चूर्ण व मिश्री पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
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