हमारा लिवर
इन्फैक्शन्स (संक्रमणों) से विशेष
कर अंतड़ियों में
पैदा होने वाले
इंफैक्शन्स का मुकाबला
करने में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाता है।
यह ऐसा हमारे
शरीर की रक्षा
प्रणाली के एक
हिस्से को गतिशील
करके करता है
जिसे मैक्रोफेज सिस्टम
कहते हैं। यदि
किसी तरह आपका
लिवर क्षतिग्रस्त हो
जाता है तो
इंफैक्शन्स से लड़ने
की इसकी योग्यता
भी समाप्त हो
जाती है। ऐसा
होने से फैटी
लिवर, हैपेटाइटिस-सी तथा
सिरोसिस जैसी बीमारियों
का खतरा भी
बढ़ जाता है।
अधिकतर समय
बैठ कर बिताना
तथा फास्ट फुड
का अधिक सेवन
करने से सिर्फ
आपकी फिगर ही
नहीं नष्ट होती
बल्कि इससे आपका
लिवर भी क्षतिग्रस्त
हो सकता है
। ऐसी चेतावनी
किंग्स कॉलेज हास्पिटल
इंगलैंड के वैज्ञानिकों
ने दी है।
स्वाभाविक सी बात
है कि आप
पूछेंगे कि लिवर
करता क्या है? यह एक कड़ी सचाई है कि
हम अपने शरीर
के ऐसे महत्वपूर्ण
अंगों के जानते।
आइए हम आपको
देते है लिवर
के बारे में
कुछ जानकारी ।
लिवर क्या
कार्य करता है
1-
यह
ऐसे तत्वों का
निर्माण करता है
जो वसा को
क्षरित करते हैं।
2-
यह
ग्लूकोज को ग्लाइकोजैन
में परिवर्तित करता
हैं
3-
नुकसानदायक
तत्वों जैसे कि
अल्कोहल को रक्त
से फिल्टर करता
है।
4-
विटामिन
तथा मिनरल्ज (विटामिन ए.डी
के तथा बी-12) को
स्टोर करता है।
5-
रक्त
में ग्लूकोज की
मात्रा को नियंत्रित
रखता है।
6-
रक्त
में से बैक्टीरिया
की सफाई करता
है।
7-
शरीर
में 80 प्रतिशत कौलेस्ट्रॉल
का निर्माण करता
है।
लिवर के क्षतिग्रस्त हो जाने पर क्या होता है
हमारा
लिवर इन्फैक्शन्स (संक्रमणों)
से
विशेष
कर
अंतड़ियो में पैदा होने वाले इन्फैशन्स का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ऐसा हमारे शरीरकी रक्षा प्रणाली के एक हिस्से को गतिशील करके करता है जिसे मैक्रोफेज सिस्टम कहते हैं। यदि किसी तरह आपका लिवर क्षतिग्रस्त हो जाता है तो इंफैक्शन्स से लड़ने की इसकी योग्यता भी समाप्त हो जाती है। ऐसा होने से फैटी लिवर, हैपेटाइटस सी तथा सिरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
फैटी लिवर क्या होता है
फैटी लिवर का अर्थ है लिवर की कोशिकाओं में वसा का इकट्ठा होना। इससे हैपेटाइटिस सी तथा सिरोसिस जैसे रोग होते हैं। फैटी लिवर के दो प्रमुख रूप है अल्कोहलिक तथा नॉन-अल्कोहलिक। इसके प्रमुख कारण है शराब की लत,
मोटापा, डायबिटिज, गर्भावस्था तथा कोर्टिकोस्टीरॉयडस
जैसी
दवाएं।
चीजे जिनसे बचना चाहिए
1-
अत्याधिक अल्कोहल :
इसके
सेवर
के
लिवर
के
सैल
हमेशा
के
लिए
क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसे सिरोसिस भी कहते है।
2-
अल्कोहल के साथ ड्रग्स तथा दवाऐं: दवाएं जैसे कि एसेटामिनोफेन जैसी नुक्सानदेह दवाएं अल्कोहल के साथ नही लेनी चाहिए।
3-
पर्यावरण प्रदूषण -
इसमें
पेट
थिनर्स, कीड़े मार दवार्इयों तथा अन्य छिड़कावों से आपका सामना होता है । घर और ऑफिस को खुला तथा हवादार रखें तथा बाहर जाते समय अपनी नाक को ढंक कर रखें ।
लिवर के 3 शत्रु
1-
अत्याधिक प्रोटीन :
जब
खाद्य
पदार्थो
में
लिवर
की
पाचन
क्षमता
से
अधिक
प्रोटीन
की
मात्रा
होती
है
तो
इसके
कारण
विषाणु
पैदा
हो
जाते
हैं
जो
हमारे
दिमाग
की
कार्यप्रणाली को क्षति पहुंचा सकते हैं।
2-
अत्याधिक कैलोरीज कार्बोहाइड्रेस के रूप में अधिक कैलोरिज से लिवर डिस्फंक्शन तथा लिवर में वसा इक्ट्ठी होने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है। डिब्बा बंद सूप तथा सब्जियों,
डेयरी
उत्पादों, चटनियों तथा कैचअप के सेवन से बचें ।
3-
अत्याधिक विटामिन ‘ए’
तथा
‘डी;‘ चूंकि लिवर हमारे शरीर के लिएएक फिल्टर का कार्य करता है इसलिए मैंगा विटामिन सप्लीमैंट जिनमें विटामिन ‘ए’
तथा
‘डी’ अधिक हा, नुक्सानदायक हैं विटामिन ‘ए’ की अधिक मात्रा लिवर के लिए ‘टॉक्सिक’
हैं।
लिवर
फ्रैंडली खाद्य पदार्थ
इन खाद्य पदार्थो को अपने भोजन में नियमित तौर पर शामिल करें । इनसे लिवर से विषैले पदार्थ साफ होते हैं तथा लिवर स्वयं को ‘रीजनरेट’ कर लेता है।
सब्जियां: चुकंदर, गोभी,
गाजर, पता गोभी, फ्रैंच जीन्स,
हरे
मटर, टमाटर, चालक,
आलू, प्याज अदरक, मूली आदि।
फल: सेब,
संतरे, आडॅ, अलूची,
बेरी, पपीता आदि
No comments:
Post a Comment