आजकल के अधिकांश लोगों का रवैया ऎसा हो गया है कि वे हर चीज सुविधा के साथ,
बिना खटपट किए ही प्राप्त करना चाहते है। शरीर की देखभाल और सेवा के लिए वक्त नहीं मिलता और टी वी सीरियल देखने व(नेट,चेट)
के लिए खूब वक्त मिलता है। सेहत बनाने के लिए टाँनिक व ताकतवर दवाँए खाते हैं। और हाजमा ठीक नहीं रखते तो न तो खाया पिया ठीक से हजम हो पाता है और न ही पौष्टिक दवाँए हजम होती है ब्लकि पचने में भारी होने से ऐसी बलपुष्टिदायक दवाइंया पेट खराब कर देती है। सोचने वाली बात यह है कि सिर्फ दवाँए खाकर पहलवान बनना सम्भव होता तो जो चाहता वह दवाँए खाकर दारासिंह बन जाता। भलाई इसी में है कि लापरवाही,
आलस्य और सुविधाभोगी मानसिकता त्याग कर शरीर को बलवान,
पुष्ट और सुडौल बनाने की दिशा में हितकारी कदम उठाएं ।
1-
भोजन से पहले पैर गीले करके भोजन करने से पाचन क्रिया ठीक रहती है ।
2-
प्रात:काल खाली पेट 8-10 तुलसी के पत्तो तथा 7 काली मिर्च के दाने लुगदी बनाकर निगलने से मलेरिया व हृदय रोग नहीं होता ।
3-
सोते समय पैर उत्तर की ओर व सिर दक्षिण में रखनले से लम्बी उम्र होती है ।
4-
खाने के पश्चात् गर्म पानी चाय की तरह घूंट-घूंट पीने से मोटापा कम होता है ।
5-
कब्ज के रोगी को 10-15 मुनक्का दूध में उबालकर खाने से तथा वही दूध पीने से कब्ज दूर होता है ।
6-
सबुह चुटकी भर चावल पानी के साथ निगलने से लीवर ठीक रहता है ।
7-
मूत्र त्याग व शौच के समय दाँत भीचने से बुढ़ाने तक दाँत व मसूड़े ठीक रहते हैं ।
8-
सौंफ व मिश्री 2-2 चम्मच छोटी खाने से नेत्र ज्योति में फायदा होता है ।
9-
अर्जुन की छाल का पाउडर आधा चम्मच चाय की जगह लेने से 1 कप दूध बगैर चीनी की बनाकर पीने से ब्लड प्रेशर व हृदय रोग में फायदा होता है ।
10-
विजय सार छार सार की लकड़ी थोड़ा सा टुकड़ा रात को 1 गिलास पानी में डाल कर रखने से सुबह पानी पीने से शुगर में फायदा होता है । पहले लकड़ी को धो लें । 1 छोटा टुकड़ा उत्तम लकड़ी का 3-4 दिन चल जाता है । वैद्य से पूछ के ।
11-
बाबा राजदेव के अनुलोभ विलोम, कपाल भाखी सुबह व्यायाम योग्य प्रशिक्षक
की देखरेख में करें ।
12-
एक नींबू का रस गर्म पानी में मिलाकर रात को सोते समय पीने से 2-3 दिन में जुकाम ठीक हो जाता है ।
13-
प्रतिदिन
स्नान से पूर्व हाथ के दोनों अंगूठों पर सरसों का तेल मलने से नेत्र ज्योति वृद्धावस्था तक ठीक रहती है ।
14-
सुबह व शाम भगवान का नाम लेवे धन्यवाद देना नहीं भूलें ।
15-
प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर बिना मंजरन किये प्रतिदिन
(2-4 गिलास) रात को ताँबे के बर्तन में भरकर रखा हुआ पानी पी लें, उसके बाद आधा घंटे तक कुछ न खाये-पीयें । इस प्रयोग से मधुमेह हृदय रोग, कब्ज, बवासीर, टी.बी., स्त्री रोग एवं पेट के रोग धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं ।
16-
बच्चों को पाँच गिरि बादाम को दूध में घिस कर देने से बुद्धि का विकास होगा एवं जुकाम, नजला न होगा ।
17-
एक गिलास दूध का सेवन रोज करें ।
No comments:
Post a Comment